Kathua Terrorist Attack : रुद्रप्रयाग के कांडा भरदार निवासी नायक सूबेदार आनंद सिंह रावत देश के लिए शहीद हो गए। जब परिजनों और ग्रामीणों को कठुआ में आतंकी हमले में आनंद सिंह के शहीद होने की सूचना मिली तो घर का माहौल गमगीन हो गया। शहीद के घर पर आस-पास के लोगों की भीड़ जुट रही है। आनंद सिंह रावत को दो साल पहले ही प्रमोशन मिला था। देश की सेवा करते हुए इन्हें लगभग 24 साल हो गए थे। प्राथमिक से लेकर 12 तक की पढ़ाई इनकी गांव में ही हुई। छह माह पहले ही यह गांव आए थे। घर में इनकी बुजुर्ग माता और बड़ा भाई रहता है, जबकि पत्नी और दोनों बच्चे पिछले कई वर्षों से देहरादून में रह रहे थे।
शहीद आनंद सिंह छह महीने पहले ही छुट्टी पर अपने परिवार के पास देहरादून आए थे। इसी बीच वे गांव भी गए थे। वर्तमान में वे जम्मू-कश्मीर में तैनात थे। आनंद सिंह रावत 22 गढ़वाल राइफल में तैनात थे। वे 2001 में सेना में भर्ती हुए थे। उनकी पत्नी 38 वर्षीय विजया रावत और दो बेटे 15 वर्षीय मनीष व 11 वर्षीय अंशुल वर्तमान में देहरादून के केशव विहार शिवगली गुजरो वाला के पास रह रहे हैं। शहीद की 72 वर्षीय मां मोली देवी और बड़े भाई कुंदन सिंह रावत गांव कांडा में रह रहे थे।
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कांडा भरदार गांव में मंगलवार को एक शादी समारोह भी था, लेकिन जैसे ही आनंद सिंह के शहीद होने की खबर मिली तो उत्साह का माहौल मातम में बदल गया। गांव में बारात भी शांति के साथ आई। इस दौरान ढोल दमाऊ नहीं बजाए गए, जबकि हर किसी की आंखों में आंसू थे।
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