Mussoorie: उत्तराखंड शासन द्वारा नगर पालिका अधिनियम में संशोधन कर भवन कर निर्धारित करने को लेकर प्रदेश की 14 निकायों में ड्रोन सर्वे का कार्य किया जा रहा है। जिसके तहत मसूरी में ड्रोन सर्वे का कार्य पूर्ण हो चुका है। वहीं, अब जमीनी स्तर पर मसूरी में सभी प्राइवेट और कमर्शियल सम्पत्तियों के सर्वे का कार्य शुरू किया जाएगा। मसूरी नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी राजेश नैथानी ने बताया कि नगर पालिका अधिनियम में संशोधन कर भवन कर निर्धारित किया जाना है, जिसका सर्वे ड्रोन और जमीनी स्तर पर किया जा रहा है।
मसूरी नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी राजेश नैथानी ने बताया कि नए सर्किल रेट के अनुसार ओपन लैंड का 0.5 प्रतिशत, डोमेस्टिक लैंड का 0.25 प्रतिशत और कमर्शियल लैंड का 0.5 प्रतिशत टैक्स लगाया जाना है। जिससे हर साल नगर पालिका की आय में वृद्धि होगी और लगभग 20 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे। उन्होंने बताया कि वर्तमान में साढ़े छह हजार भवन नगर पालिका में पंजीकृत हैं, जिनसे कर लिया जाता है। ड्रोन सर्वे के बाद इसकी संख्या बढ़ जाएगी व अप्रैल 2025 से यह योजना लागू हो जाएगी।
अधिशासी अधिकारी राजेश नैथानी ने बताया कि इस अभियान के पहले चरण में हाई रिज़ॉल्यूशन सेटेलाइट मैप का क्रॉस वेरिफिकेशन ड्रोन के माध्यम से करवाया जाएगा, जिसकी मदद से मसूरी में महीन स्केल पर संपत्तियों का ब्यौरा निकाय के साथ साथ शहरी विकास विभाग को भी मिल पाएगा। उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया के तहत कई नई जानकारियां विभाग को मिल रही हैं। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि इस तरह के असेसमेंट के बाद प्रॉपर्टी टैक्स में 30 से 40 फीसदी का इजाफा यानी सीधा-सीधा राजस्व का लाभ पालिका मसूरी को मिलेगा।
उन्होंने कहा कि नगर पालिका परिषद के क्षेत्र में आने वाले कई क्षेत्र जेसे मकरेती गांव, बासा घाट में पालिका द्वारा भवन कर नहीं लिया जाता था, परन्तु सर्वे का कार्य पूरा होने के बाद ऐसे सभी जगहों पर भवन कर अब लगने लगेगा। उन्होंने बताया कि शहरी विकास विभाग ने यह फैसला लिया है कि अपने सभी निकायों में लैंड बैंक तैयार करें और ड्रोन के माध्यम से पूरे निकाय में निगरानी की जाए। इसके साथ ही इस सर्वे के माध्यम से निकाय को जानकारी मिलेगी कि कहां पर कितनी संपत्ति है। अवैध निर्माण और अवैध संपत्तियों की भी जानकारी निकाय को मिल पाएगी। इसके अलावा इस तरह सर्वे करके और भी कई सारी जानकारियां सरकार को मिलेंगी। यह प्रक्रिया एक व्यवस्थित विकास में भी सहयोगी साबित होगी।
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