Pakistani Hindu Devotees Reached Haridwar: पाकिस्तान के 223 हिन्दू तीर्थयात्रियों का जत्था आज अयोध्या में भगवान श्री रामलला के दर्शन करके अपने गुरु स्वामी युधिष्ठिर लाल के नेतृत्व में हरिद्वार पहुंचा। यह जत्था रायपुर से रवाना हुआ और प्रयागराज होते हुए अयोध्या पहुंचा था। यहां विश्व हिंदू परिषद के आतिथ्य में रामलला के दर्शन किए और वहां से लखनऊ होते हुए वंदे भारत ट्रेन से हरिद्वार पहुंचे।
‘यह पल जिंदगी भर याद रहेगा’
हरिद्वार पहुंचने पर पाकिस्तानी जत्थे में शामिल हिंदू श्रद्धालुओं का बाजे गाजे के साथ माला पहनाकर स्वागत किया गया। पाकिस्तान से आये नागरिकों को पहली बार अयोध्या के लिए वीजा मिला। सभी लोग रामलला का दर्शन करके अभिभूत हैं। वे कह रहे हैं कि यह पल उनको जिंदगी भर याद रहेगा। बता दें कि आज यह जत्था हरिद्वार के सप्तसरोवर स्थित शदाणी दरबार में पहुंचा है, जहां चार दिन रहकर यह गंगा स्नान करने के साथ ही अनेक धार्मिक स्थलों के दर्शन करेंगे।
चार दिन रहेगा मां गंगा का प्रवास
जानकारी देते हुए शदाणी दरबार के 9वें गुरु स्वामी युधिष्ठिर लाल महाराज का कहना है कि हर वर्ष की तरह पाकिस्तान से हिंदुओं का जत्था हरिद्वार की नगरी में आज 4 मई को पहुंचा है। यह यात्रा शदाणी दरबार रायपुर से 15 अप्रैल को आरंभ हुई थी। रायपुर, अमरावती , प्रयागराज और अयोध्या से होते हुए आज मात गंगा की नगरी हरिद्वार पहुंची है। यहां चार दिन गंगा का प्रवास रहेगा।
स्वामी युधिष्ठिर लाल महाराज ने बताया कि जत्थे में 223 यात्री हैं, जिसमें 175 पुरुष और 50 महिलाएं हैं। ग्रुप को पांच भागों में बांटा गया है। 50-50 के ग्रुप हैं। पांच लीडर हैं। लगभग 33-34 शहरों के यात्री इसमें शामिल है। यानी पूरे पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व हो रहा है। विशेष बात यह है कि इनको हम अयोध्या धाम के दर्शन करवा कर लाए हैं। अन्यथा अयोध्या का वीजा कभी भी नहीं मिलता था।
स्वामी युधिष्ठिर लाल महाराज ने कहा कि मोदी सरकार की महान उपलब्धि है कि अयोध्या को अंतर्राष्ट्रीय तीर्थ स्थल बना दिया है। वीजा भी प्राप्त हुआ और विशेष दर्शन भी हुए। उन्होंने बताया कि हर वर्ष जत्था हरिद्वार आता है। तीन दिनों का विशेष कार्य सरोवर मार्ग शदाणी दरबार मंदिर में आयोजित है।
शदाणी दरबार के 9वें गुरु ने बताया कि हिंदू पाकिस्तान में दुखी हैं। उन्हें अपने कर्मकांड करने की पूर्ण आजादी नहीं है। वे अस्थि विसर्जन भी नहीं कर पाते हैं। इसलिए वे अस्थियों को एकत्रित करते रहते हैं और फिर हर साल जब यह विशेष प्रोटोकॉल एग्रीमेंट आता है तो वे इसे पवित्र नदियों में विसर्जित कर देते हैं। उनके लिए यह यात्रा एक आत्मिक संतुष्टि और आत्म बल बढ़ाने का साधन बन जाती है।
पाकिस्तानी जत्थे के ग्रुप लीडर का कहना है कि 223 यात्री यहां पर पहुंचे हैं। पहले हम सीधे अमरावती पहुंचे थे। वहां से रायपुर गए, जहां 10 दिन गुरुजी के पास रहे। इसके बाद रायपुर से निकलकर प्रयागराज गए। वहां से अयोध्या पहुंचे और भगवान रामलला के दर्शन किए। इससे हमें बहुत खुशी और प्रसन्नता हुई। राम मंदिर के दर्शन करके मन प्रसन्न हुआ। बहुत अच्छा लगा।
पाकिस्तान से आई राधा का कहना है कि राम मंदिर का दर्शन किया बहुत अच्छा लगा। जिंदगी में पहली बार ऐसा दर्शन किया और भगवान का धाम देखा।