Rain Became A Disaster: नैनीताल में बुधवार को हुई मूसलाधार बरसात से जल भराव के चलते भारी नुकसान हुआ है, जिसके बाद जिलाधिकारी वंदना सिंह ने प्रशासनिक टीम को आंकलन के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी नैनीताल वंदना सिंह ने कहा कि बुधवार को हुई बरसात के चलते आम पब्लिक को सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा है। लोगों के घरों में पानी घुस जाने से लोगों को सामान के साथ अन्य नुकसान हुआ है। जिसके आंकलन के लिए जिला प्रशासन की टीम को लगाया गया है और 24 घंटे के अंदर नुकसान का आंकलन कर पीड़ितों को मुआवजा देने के निर्देश दिए गए हैं।
वहीं नैनीताल जिले में मलबा आने से 18 सड़कें बंद हुई थी, जिसमें प्राथमिकता के तौर पर राज्य मार्ग की चार सड़कों को खोल दिया गया है, बाकी 14 सड़कें अब भी बंद है। बंद सड़कों को खोलने के लिए जेसीबी मशीन लगाई गई है। जिलाधिकारी वंदना सिंह ने बताया की अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि 24 घंटे के अंदर सभी प्रभावितों को राहत राशि उपलब्ध करा दें। आपदा के सीजन में हमारी सभी टीम अलर्ट पर है और 24 घंटे अधिकारी स्थिति पर अपनी नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि मौसम विभाग के अनुसार अभी भी बारिश की भारी चेतावनी जारी है जिसको देखते हुए पहाड़ों पर लैंडस्लाइड वाले जगह पर जेसीबी मशीन तैनात करने को निर्देश दिए गए हैं, इसके अलावा लोगों से भी अपील की गई है कि भारी बरसात के दौरान पहाड़ों पर यात्रा करने से बचें।
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पहली बारिश में राजकीय अस्पताल का प्रशासनिक भवन पानी से लबालब
रानीखेत उपमंडल के एकमात्र अस्पताल गोविन्द सिंह माहरा राजकीय चिकित्सालय में मानसूनी बारिश शुरू होते ही पानी घुसने का सिलसिला शुरू हो चुका है। पिछले वर्ष अस्पताल की छत पर निर्माण कार्य शुरू किया गया था, जो अभी तक पूरा नहीं किया गया है। बता दें कि बीते वर्ष भी अस्पताल के वार्ड, ऑपरेशन थियेटर और दवा कक्ष में पानी घुसने से काफी नुकसान हो गया था और कई दिनों तक ओटी बंद करनी पड़ी थी।
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लेकिन अब बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि क्या एक साल बाद भी बरसात के पानी से बचाव के कोई इंतजाम नहीं किए गए। वहीं अस्पताल के सीएमएस डॉ. संदीप दीक्षित ने कहा कि अत्यधिक बारिश होने से प्रशासनिक भवन में पानी भर गया था, जिसे निकालने के लिए मोटर का इस्तेमाल करना पड़ा। उन्होंने कहा कि जलनिगम के जेई और ठेकेदार को बुला कर कहा गया है कि एक सप्ताह के भीतर इस कार्य को पूरा करें। सीएमएस ने कहा कि पिछली बार पानी घुसने से कुछ कागज भी खराब हो गए थे, लेकिन इस बार ऐसी स्थिति नहीं बनी है।
भारी बरसात से कुमाऊं मंडल में 58 सड़कें बंद
कुमाऊं मंडल में रेड अलर्ट के चलते कल हुई भारी बारिश से जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित हो गया है। कुमाऊं में कई जगहों पर मलबा आने से सड़कें बंद हो गई हैं। हालांकि पुलिस और प्रशासन की टीम ने सभी नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे खोल दिए हैं। डीआईजी डॉ. योगेंद्र सिंह रावत ने जानकारी देते हुए बताया कि पिथौरागढ़ में धारचूला गुंजी मार्ग पर एक जगह सड़क बंद है, जिसे जल्द ही खोल दिया जाएगा। इसके साथ ही मंडल के 6 जिलों में 58 ग्रामीण सड़कें अब भी बंद हैं, जिन्हें खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं। जेसीबी के द्वारा लगातार कार्य किया जा रहा है। वहीं एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और पुलिस टीम पूरी तरह से अलर्ट पर है। इसके अलावा सभी अधिकारियों को हालातों पर नजर बनाते हुए मॉनिटरिंग के निर्देश दिए गए हैं।