Shardiya Navratri 2024: नवरात्रि यानी देवी मां की साधना के दिन। ऐसे मैं गरबा और डांडिया के माध्यम से मां की साधना करना अपने आप में अनूठा है। गरबा और डांडिया का चलन गुजरात में है, लेकिन अब यह चलन धीरे-धीरे पूरे देश में हो चला है। नवरात्रि में बड़ी संख्या में मां के भक्त एक साथ गरबा करके या डांडिया खेलकर मां की साधना करते हैं और उनको प्रसन्न करते हैं। हरिद्वार में भी अब गरबा और डांडिया देखने को मिलने लगा है।
गुजरात समाज के लोगों द्वारा यहां श्याम सुंदर भवन में 9 दिन का गरबा और डांडिया का आयोजन किया गया है। इसमें बड़ी संख्या में गुजरात समाज के लोगों के अलावा स्थानीय लोग भी पहुंच कर गरबा और डांडिया के माध्यम से मां की साधना करके उनको प्रसन्न करने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसा माना जाता है कि डांडिया और गरबा करने से व्रत रहने के बावजूद नई ऊर्जा का संचार शरीर में होता है और पूरे साल की ऊर्जा मिल जाती है। साथ में मां का आशीर्वाद मिलता है।
भक्त लक्ष्मण का कहना है कि गरबा और नवरात्रि का संबंध है। माता जी का पावन पर्व 9 दिन का होता है। 9 दिन देवी मां की उपासना होती है। उपासना में उपवास भी करते हैं। इसके पीछे विज्ञान भी है कि इतने दिन गरबा खेलने से लोगों की जो पूरे साल की एनर्जी है, वह एनर्जी वापस आ जाती है।
उन्होंने बताया कि यहां गुजरात समाज की 200 फैमिली है। देहरादून और ऋषिकेश से भी लोग यहां आते हैं और अलग-अलग ड्रेस पहनकर गरबा का आयोजन करते हैं। इससे पूरे साल की जो थकान है, वह चली जाती है।
श्रद्धालु निकुंज का कहना है कि वह बचपन से 19 साल से यहीं रहते हैं। यहां हमारे समाज के लोग गरबा करते हैं और 9 के 9 दिन रात भर इंजॉय करते हैं। सब लोग इकट्ठा हो करके गरबा खेलते हैं। हमारे मन में यही रहता है कि 9 दिन में गरबा करके सबसे मिले।
भक्त संध्या का कहना है कि यहां आकर बहुत अच्छा लगता है। इसके माध्यम से माता रानी का आह्वान किया जाता है। 9 के 9 दिन गरबा होता है और सभी लोग पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ गरबा करते हैं। सभी को बहुत अच्छा लगता है और सभी एक-दूसरे से मिलते हैं। ऋषिकेश और देहरादून से भी लोग यहां पर आते हैं।
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भक्त रचना का कहना है कि जब हम लोग गरबा करते हैं तो पूरी भक्ति की भावना मन में रहती है। बहुत अच्छा लगता है। सारे लोग मिलकर खूब आनंद लेते हैं। इस अवसर का हम पूरे साल इंतजार करते हैं कि कब आएगा और सब आपस में मिलकर आनंद करेंगे।
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