Surya Grahan ka Daan: सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है, लेकिन हिंदू धर्म में इसे अशुभ माना जाता है। इस दौरान वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ जाती है, जो मानव जीवन और मानसिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है।
2024 का अंतिम सूर्य ग्रहण पितृ अमावस्या के दिन लग रहा है, जो एक दुर्लभ संयोग है। पितृ अमावस्या पर पितरों को श्रद्धांजलि दी जाती है और उनके आशीर्वाद के लिए पूजा-पाठ किया जाता है। सूर्य ग्रहण के दिन पितृ अमावस्या का संयोग होने से दान-पुण्य का महत्व और बढ़ जाता है।
आश्विन मास की अमावस्या, जो इस बार 2 अक्टूबर 2024 को पड़ रही है, एक विशेष दिन है। इसी दिन सूर्य ग्रहण भी लग रहा है। यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, लेकिन धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण के प्रभाव से बचने के लिए कुछ उपाय किए जाते हैं।
सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है, लेकिन धार्मिक मान्यताओं के (Surya Grahan ka Daan) अनुसार, इसके कुछ विशेष प्रभाव होते हैं। ग्रहण के बाद कुछ विशेष कार्य करने से इन प्रभावों से बचा जा सकता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
सूर्य ग्रहण के बाद करने योग्य कार्य
- घर की सफाई: ग्रहण के बाद घर की अच्छी तरह से सफाई करनी चाहिए। झाड़ू लगाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
- स्नान: ग्रहण के बाद गंगाजल या साफ पानी से स्नान करना चाहिए। इससे शरीर और मन शुद्ध होता है।
- गंगाजल का छिड़काव: घर में गंगाजल का छिड़काव करने से वातावरण पवित्र होता है।
- दान: सूर्य ग्रहण के बाद दान करना बहुत शुभ माना जाता है। आप अपनी सामर्थ्य के अनुसार अन्न, वस्त्र, पैसा आदि दान कर सकते हैं।
- विशेष दान: सूर्य ग्रहण के बाद चना, गेहूं, गुड़, केले, दूध, फल और दाल आदि का दान करने से जातक को कामों में सफलता मिलती है और सूर्य ग्रहण के बुरे प्रभाव से बचाव होता है।