Shaheed Hazari Singh Chauhan: टिहरी जिले के देवप्रयाग निवासी हजारी सिंह चौहान बीते दिनों असम के मणिपुर में एक विशेष अभियान के तहत शहीद हो गए थे। मंगलवार को सैन्य सम्मान के साथ उन्हें टिहरी जिले के पूर्णानंद घाट पर अंतिम विदाई दी गई। इस दौरान घाट पर मौजूद सभी की आंखें नम थीं।
बता दें, देवप्रयाग के रहने वाले हजारी सिंह चौहान का परिवार वर्तमान में श्यामपुर ऋषिकेश में रह रहा था। अंतिम विदाई के दौरान उनके निवास स्थान से लेकर घाट तक उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। इस दौरान देशभक्ति के नारों से ऋषिकेश की गंगाघाटी गुंजायमान हो गई।
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टिहरी प्रभारी मंत्री एवं कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने शहीद को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की भूमि वीर सपूतों की भूमि है। जवानों की शहादत को व्यर्थ नहीं जाने दिया जाएगा। कहा कि सरकार जवानों के परिजनों की हर सहायता के लिए प्रतिबध है।
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जवान हजारी सिंह की शहादत को लेकर प्रदेश के मुखिया पुष्कर सिंह धामी ने भी दुख जताया। सीएम धामी ने एक्स पर ट्वीट करते हुए लिखा, ‘असम में मां भारती की रक्षा करते हुए टिहरी गढ़वाल के देवप्रयाग निवासी हजारी सिंह जी के शहीद होने का समाचार अत्यंत दुःखद है। ईश्वर से प्रार्थना है कि पुण्यात्मा को श्रीचरणों में स्थान एवं शोक संतप्त परिजनों को यह असीम दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करें। विनम्र श्रद्धांजलि !’
देवभूमि उत्तराखंड वीरों की भूमि भी कही जाती है। पहाड़ की इस धरती पर से अनेकों वीर सपूत निकले हैं, जिनकी शहादत और वीरता पर न सिर्फ उत्तराखंड बल्कि पूरे देश को गर्व है।