Om Parvat News: पिथौरागढ़ जिले के विश्व प्रसिद्ध और लाखों भक्तों की आस्था का केंद्र ओम पर्वत में बर्फ पिघलने से पर्यटकों और श्रद्धालुओं में मायूसी छा गई थी। हालांकि, अब एक खुशखबरी सामने आई है। ओम पर्वत पर बर्फबारी हुई है, जिससे अब भक्त फिर से ओम का दर्शन कर सकते हैं।
सभी को आकर्षित करता है ॐ
ओम पर्वत से बर्फ के ॐ का गायब होना अपने आप में बहुत बड़ा विषय बन चुका था। नाबीढांग से सामने नजर आने वाला ओम पर्वत अपने आप में एक अजूबे से कम नहीं है, जहां पर बर्फ से लिखा ॐ सभी को आकर्षित करता है। भगवान शिव की भूमि होने से इसे शिव से जोड़ा जाता है, जिसके चलते यह गहन आस्था का केंद्र है।
ओम पर्वत से गायब था ॐ
बता दें कि बीते कुछ दिनों से सोशल मीडिया के साथ ही समाचार पत्रों में बर्फविहीन ओम पर्वत की तस्वीरें वायरल हो रही थी। इन तस्वीरों में इस पर्वत पर ॐ की आकृति नजर नहीं आ रही थी।
काला दिख रहा था ओम पर्वत
पहाड़ों में बढ़ते तापमान के चलते ओम पर्वत काला दिख रहा था, जो चिंता का विषय बन गया था। ऐसे में बर्फबारी के बाद अब एक बार फिर से श्रद्धालुओं में खुशी है।
ओम पर्वत पर हुई बर्फबारी
प्रबंधक कुमाऊं मंडल विकास निगम धारचूला दिनेश गुरुरानी ने बताया कि कुछ दिन पहले बर्फ पिघल जाने के चलते ओम पर्वत काला दिख रहा था, लेकिन एक बार फिर से बर्फबारी हुई है, जिसके चलते पूर्व की भांति अब वहां पर बर्फ जम गई है और पहाड़ पर ओम की आकृति देखी जा सकती है।
दिनेश गुरुरानी ने बताया कि मौसम परिवर्तन और तापमान के चलते इस तरह की घटनाएं सामने आती रहती हैं, लेकिन बर्फबारी होते ही स्थिति सामान्य हो गई है।
Om Parvat से गायब हुआ ‘ओम’, नजर आ रहा बस पहाड़; जानें वजह
पर्यावरण प्रेमियों का कहना है कि इस क्षेत्र में सड़कों का जाल बिछाना, गुंजी जैसे स्थल पर सड़क डामरीकरण के लिए हाटमिक्स प्लांट लगाना और ओम पर्वत के निकट लोडर मशीन लगा सड़क काटना और अत्यधिक पर्यटकों की आवाजाही से पर्यावरण प्रभावित हो चुका है। हिमालय का यह रीजन पर्यावरणीय दृष्टि से बेहद संवेदनशील है.
पर्यटकों और श्रद्धालुओं में खुशी की लहर
ओम पर्वत की ऊंचाई 6191 मीटर है। इस ऊंचाई पर बर्फविहीन होना पर्यावरणीय दृष्टि से अति गंभीर है। एक बार फिर से पर्वत पर बर्फबारी होने से पर्यटकों और श्रद्धालुओं में खुशी की लहर है।