Kolkata Doctor Rape and Murder Case: कोलकाता आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो कर रही है। जांच के दौरान CBI को एक महत्वपूर्ण दस्तावेज मिला है, जिससे पता चला है कि पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष ने पीड़िता का शव बरामद होने के एक दिन बाद अपराध स्थल से सबूत मिटाने की कोशिश की थी। उसने राज्य के लोक निर्माण विभाग (PWD) को अपराध स्थल के आस-पास के क्षेत्रों में मरम्मत कार्य करने के निर्देश दिए थे।
CBI के सूत्रों के मुताबिक, जांच अधिकारियों ने एक महत्वपूर्ण दस्तावेज हासिल किया है, जिससे पता चलता है कि घोष ने राज्य लोक निर्माण विभाग को सेमिनार हॉल से सटे एक कमरे और शौचालय में मरम्मत कार्य करने के लिए अनुमति पत्र जारी किया था, जोकि अपराध स्थल है।
दस्तावेज पर घोष के हस्ताक्षर : CBI
जांच अधिकारियों ने बताया कि जो पत्र मिला है, उस पर घोष के हस्ताक्षर हैं और उस पर 10 अगस्त की तारीख लिखी है। जांच की शुरुआत में ऐसा कहा गया था कि PWD को मरम्मत करने के लिए घोष के निर्देश पर आरजी कर के एक प्रशासनिक अधिकारी ने आदेश दिया था, लेकिन यह दस्तावेज मिलने के बाद यह सिद्ध हो गया है कि संदीप घोष नवीन निर्माण कार्य कराने के लिए बहुत उत्सुक थे।
13 अगस्त को CBI को मिला था जांच का आदेश
कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ द्वारा 13 अगस्त की शाम को सीबीआई को कोलकाता पुलिस से जांच अपने हाथ में लेने का आदेश दिए जाने के कुछ ही घंटों बाद, राज्य पीडब्ल्यूडी कर्मचारियों ने सेमिनार हॉल के निकट एक कमरे में मरम्मत कार्य शुरू कर दिया। यहां से 9 अगस्त की सुबह पीड़िता का शव बरामद किया गया था, लेकिन अस्पताल परिसर में छात्र समुदाय द्वारा बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के कारण नवीनीकरण कार्य नहीं किया जा सका था। घोष फिलहाल वित्तीय अनियमितताओं के मामले में सीबीआई की हिरासत में हैं।