Kargil Vijay Diwas 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25वें कारगिल विजय दिवस के मौके पर केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख के द्रास में कारगिल युद्ध स्मारक पर 1999 में सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान उन्होंने कहा कि आज लद्दाख की ये महान भूमि कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ की गवाह बन रही है। यह दिन हमें बताता है कि देश के लिए दिया गया बलिदान अमर है।
आतंकियों को मिलेगा मुंहतोड़ जवाब: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि पाकिस्तान ने अपने इतिहास से कुछ नहीं सीखा है। वह आतंकवाद और छद्म युद्ध की मदद से खुद को प्रासंगिक बनाए रखने की कोशिश कर रहा है। आज मैं ऐसी जगह से बोल रहा हूं, जहां आतंक के आका मेरी आवाज सीधे सुन सकते हैं। मैं आतंकवाद के इन संरक्षकों को बताना चाहता हूं कि उनके नापाक इरादे कभी सफल नहीं होंगे। हमारे जवान पूरी ताकत से आतंकवाद को कुचलेंगे और दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब देंगे।
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Kargil Vijay Diwas 2024: हर चुनौती को परास्त करेगा भारत
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि लद्दाख हो या जम्मू-कश्मीर, भारत विकास की राह में आने वाली हर चुनौती को परास्त करेगा। उन्होंने कहा कि 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 को समाप्त हुए 5 साल हो जाएंगे। आज जम्मू-कश्मीर एक नए भविष्य और बड़े सपनों की बात कर रहा है। बुनियादी ढांचे के विकास के साथ-साथ पर्यटन क्षेत्र भी तेजी से बढ़ रहा है। दशकों बाद कश्मीर में कोई सिनेमा हॉल खुला है। वहीं, साढ़े 3 दशक के बाद पहली बार श्रीनगर में ताजिया जुलूस निकाला गया।
Kargil Vijay Diwas 2024: अग्निपथ योजना पर क्या बोले पीएम मोदी?
पीएम मोदी ने कहा कि अग्निपथ योजना भी सेना द्वारा किए गए आवश्यक सुधारों का एक उदाहरण है। कुछ लोग सोचते थे कि सेना का मतलब राजनेताओं को सलामी देना, परेड करना है, लेकिन हमारे लिए सेना का मतलब 140 करोड़ देशवासियों की आस्था है। अग्निपथ का लक्ष्य सेना को जवान बनाना है, सेना को निरंतर युद्ध के लिए फिट रखना है। दुर्भाग्य से, कुछ लोगों ने राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े इतने संवेदनशील मुद्दे को राजनीति का विषय बना दिया है। ये वही लोग हैं, जिन्होंने सेना में हजारों करोड़ रुपये के घोटाले करके हमारी सेना को कमजोर किया।
हम राजनीति के लिए काम नहीं करते: मोदी
पीएम मोदी ने अग्निपथ योजना पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि पता नहीं कुछ लोगों की सोच को क्या हो गया है। वे यह भ्रम फैला रहे हैं कि सरकार पेंशन का पैसा बचाने के लिए यह योजना लेकर आई है। आज के रंगरूटों के लिए पेंशन का सवाल 30 साल बाद उठेगा। हमने सेना द्वारा लिए गए इस फैसले का सम्मान किया है, क्योंकि हम ‘राष्ट्रनीति’ के लिए काम करते हैं, ‘राजनीति’ के लिए नहीं।
शिंकुन ला सुरंग परियोजना का किया उद्घाटन
बता दें, इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने शिंकुन ला सुरंग परियोजना का वर्चुअली उद्घाटन किया। इस परियोजना में 4.1 किलोमीटर लंबी ट्विन-ट्यूब सुरंग शामिल है, जिसका निर्माण निमू-पदुम-दारचा रोड पर लगभग 15,800 फीट की ऊंचाई पर किया जाएगा, ताकि लेह को हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान की जा सके। बताया जा रहा है कि यह दुनिया की सबसे ऊंची सुरंग है।