Kumaon Hill Pears: कुमाऊं मंडल के पहाड़ के नाशपाती इन दोनों भरपूर मात्रा में मंडियों तक पहुंच रहे हैं। बारिश ने पहाड़ी नाशपाती के स्वाद को और मीठा कर दिया है, जिसके चलते पहाड़ी नाशपाती की राज्य की दूसरे मंडियों में भी खूब डिमांड हो रही है।
Kumaon Hill Pears का बढ़ा उत्पादन
पहाड़ के काश्तकारों की मानें तो गर्मी के चलते नाशपाती का साइज थोड़ा छोटा हो गया था, लेकिन कुछ दिनों से हो रही बरसात के चलते नाशपाती का उत्पादन बढ़ा है। बरसात के चलते नाशपाती का स्वाद भी मीठा हो गया है, जिसके चलते फल मंडियों में नाशपाती की खूब डिमांड हो रही है।
Kumaon Hill Pears का दोगुना हुआ उत्पादन
कुमाऊं के सबसे बड़े फल और सब्जी मंडी के मंडी एसोसिएशन के अध्यक्ष कैलाश चंद्र जोशी ने बताया कि इस बार पहाड़ों पर नाशपाती का उत्पादन अन्य सालों की तुलना में दोगुनी हुई है। पहाड़ पर मुख्य रूप से जाकलें, गोला, ककड़िया और कश्मीरी नाशपाती का पैदावार होता है, लेकिन कुमाऊं मंडल के पहाड़ की जाकलें और गोला नाशपाती की स्वाद अन्य नाशपतियों की तुलना में मीठा और रसीला होता है, जिसके चलते पहाड़ के नाशपाती की उत्तराखंड के साथ-साथ उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात के अलावा अन्य मंडियों में खूब डिमांड हो रही है।
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कैलाश जोशी ने बताया कि हल्द्वानी मंडी में पहाड़ पर रोजाना 5000 से 6000 पेटी नाशपाती मंडी तक पहुंच रही है। हल्द्वानी मंडी में ₹20 से लेकर ₹40 प्रति किलो की रेट से किसानों को अपने नाशपाती के रेट मिल रहे हैं।
नैनीताल जनपद के रामगढ़, मुक्तेश्वर, सूफी और ओखलकांडा सहित कई क्षेत्र नाशपाती के लिए जाने जाते है। यहां की नाशपाती की डिमांड अन्य राज्यों की मंडियों में भी खूब हुआ करती है।