उत्तराखंड के रुड़की में पिरान कलियर में नियाज लंगर बनाने वाली दुकानों के टेंडर और प्रबंधक को हटाए जाने को लेकर व्यापारियों का धरना जारी है। धरने को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी समर्थन देने पहुंच गए। इस दौरान उन्होंने सीएम धामी से फोन पर बात कर व्यापारियों की समस्याओं पर गौर करने को कहा। स्थानीय विधायक फुरकान अहमद और खानपुर से बीजेपी के विधायक उमेश कुमार भी धरनास्थल पर पहुंच गए। व्यापारियों का ये धरना प्रदर्शन पिरान कलियर दरगाह क्षेत्र में नियाज लंगर बनाने वाली दुकानों के टेंडर और प्रबंधक को हटाए जाने को लेकर है। लोकसभा चुनाव करीब है ऐसे में दुकानदारों का मुद्दा चुनावी मुद्दा बन गया है।
हरीश रावत ने यहां आकर पहले दुकानदारों की समस्या जानी। उनकी परेशानियों से रूबरू हुए और दुकानदारों के धरने में शामिल हो गए। हरीश रावत की यहां मौजूदगी से सियासी माहौल बन गया। दुकानदारों का बुनियादी मुद्दा सियासी मुद्दा बन गया। अब इसमें रावत सरीखे कांग्रेस के सीनियर नेता तो हैं ही। सत्ताधारी बीजेपी के विधायकों का आना जाना भी लग गया है। इलाके के बीजेपी विधायक कैसे दुकानदारों की समस्याओं को लेकर चुनावी हवा बना रहे हैं। रावत ने धरने पर बैठे दुकानदारों के बीच से सीधे पहले सीएम धामी को फोन लगाया। फिर जिले के डीएम से भी बात की।
हरीश रावत जैसे मंझे हुए राजनीति के खिलाड़ी ऐसी भीड़ के बीच अगर किसी को कॉल करें तो समझ जाइए कि वो कोई मामूली कॉल नहीं है। कॉल जरूर सियासी होगा और उसके मायने भी बहुत गहरे होंगे खासतौर पर तब जब लोकसभा चुनाव करीब हों और माहौल गहमागहमी भरा हो।
क्या है मामला?
रुड़की में इस पिरान कलियर दरगाह क्षेत्र में जुटे दुकानदार वक्फ बोर्ड के खिलाफ धरना दे रहे हैं। विवाद टेंडर से जुड़ा है। दुकानदारों का आरोप है कि दुकानों के टेंडर में वक्फ बोर्ड का रवैया साफ सुथरा नहीं है। दुकानदार पिरान कलियर में नियाज लंगर बनाने वाली दुकानों के टेंडर और प्रबंधक को हटाए जाने की मांग कर रहे हैं। मुद्दा स्थानीय तो है ही। आने वाले चुनाव में सियासी दलों के नफा नुकसान के लिहाज से भी मुफीद है। इसलिए कांग्रेस के साथ साथ बीजेपी भी मैदान में उतर आई और माहौल बनाना शुरू कर दिया।
क्या कहा बीजेपी विधायक ने?
बीजेपी विधायक उमेश कुमार ने वक्फ बोर्ड प्रबंधन को खुली चेतावनी दे डाली। विधायक उमेश कुमार ने कहा कि मतलब साफ है कि कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही इस मुद्दे को लेकर सियासी दांव पेंच खेल रहे हैं। मुद्दा दुकानदारों के हक का है। हक मिलेगा या नहीं ये तो वक्त बीतने के साथ पता चलेगा। लेकिन रोजी रोटी के सवाल को लेकर धरने पर बैठे दुकानदारों के बीच सियासी दलों की हलचल लगातार तेज हो रही है। राज्य में विपक्ष में बैठी कांग्रेस के हरीश रावत हों। या फिर सत्ता में बैठी बीजेपी के जनप्रतिनिधि कोई भी इस चुनावी माहौल में बैकफुट पर नहीं जाना चाहता है।