Buddha Purnima 2024: आज बुद्ध पूर्णिमा के पावन पर्व पर विश्व प्रसिद्ध हरिद्वार की हर की पौड़ी पर मां गंगा में आस्था की डुबकी लगाने के लिए देश के अलग-अलग राज्यों से श्रद्धालुओं की भारी भीड़ हरिद्वार के गंगा घाटों पर पहुंच रही है। मान्यताओं के अनुसार आज के दिन पवित्र गंगा में स्नान करने के बाद दान और पुण्य का एक अलग ही महत्व है। कहा जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु गंगाजल में निवास करते हैं। इसी कारण बुद्ध पूर्णिमा के शुभ अवसर पर स्नान करने का एक अलग ही महत्व है। बुद्ध पूर्णिमा के स्नान को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए हुए हैं।
सुबह से हर की पौड़ी पर श्रद्धालुओं का आना जारी
बुद्ध पूर्णिमा यानि भगवान विष्णु का धरती पर भगवान बुद्ध रूप में अवतरण का दिन… बुद्ध पूर्णिमा का स्नान तीर्थ नगरी हरिद्वार में कड़ी सुरक्षा के बीच चल रहा है। इस अवसर पर स्नान करने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आए हैं। बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर गंगा स्नान करने के लिए आज सुबह से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने हर की पौड़ी पहुंचकर गंगा स्नान करना शुरू कर दिया था। तब से यह सिलसिला जारी है।
बुद्ध पूर्णिमा क्यों मनाई जाती है?
मान्यता है कि आज ही के दिन भगवान बुद्ध के रूप में भगवान विष्णु ने धरती पर अवतार लिया था। भगवान को ज्ञान प्राप्त हुआ और आज ही के दिन भगवान बुद्ध की धरती से विदाई हुई। आज ही के दिन भगवान कृष्ण ने सुदामा को विनायक उपवास रखने के महत्व को बताया था। इतना नहीं, आज के ही दिन भगवान विष्णु ने नृसिंह अवतार लिया था। बुद्ध पूर्णिमा पर गंगा स्नान और पूजा-अर्चना करने से असीम पुण्य का लाभ मिलता है।
बुद्ध पूर्णिमा पर भगवान विष्णु के हुए कई अवतार
पंडित मनोज त्रिपाठी का कहना है कि बैसाख मास भगवान श्री नारायण की सेवा के लिए अर्पण है। इसका जो समापन दिवस है, वो बुद्ध पूर्णिमा या पूर्णमासी बैशाख कहलाता है। यह इतना पावन होता है कि इस माह भगवान श्रीनारायण के कई अवतार हुए हैं। पूर्णमासी में बुद्धावतार हुआ है। इसलिए इस दिन को बुद्ध पूर्णिमा भी कहते हैं। आज के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
स्नान करने के बाद करें दान
पंडित मनोज त्रिपाठी ने कहा कि आज स्नान करने के बाद तर्पण करें। अपने पुरोहित और ब्राह्मणों को मौसमी फल आदि का दान करना चाहिए। स्वर्ण, भोजन और शैय्या दान करना विशेष तौर पर पुण्यदायी बताया गया है। जो लोग श्रीमद्भागवत न करवा पाएं, मात्र स्नान करके आज श्रीमद्भागवत की पुस्तक का दान करना ही पूरे बैशाख मास में श्रीमद्भागवत का परायण करने के समान पुण्य देने वाला है। स्नान विशेष तौर पर महत्वपूर्ण है।
गंगा स्नान करने से पूरी होती हैं सभी मनोकामनाएं
ऐसा माना जाता है कि गंगा स्नान करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और पुण्य की प्राप्ति होती है। हरिद्वार गंगा स्नान करने आए श्रद्धालुओं का कहना है कि गंगा स्नान का वैसे ही महत्व है, मगर बुद्ध पूर्णिमा पर स्नान करने पर असीम पुण्य का लाभ मिलता है। गंगा स्नान करने से कष्ट दूर होते हैं और पाप नष्ट हो जाते हैं।
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सुरक्ष के व्यापक प्रबंध
वहीं, बुद्ध पूर्णिमा स्नान पर हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं की भारी संख्या को देखते हुए पुलिस प्रशासन द्वारा सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किये गए हैं। मेला क्षेत्र को 7 जोन और 19 सेक्टर में बांट कर पुलिस बल तैनात किया गया है। साथ ही, ट्रैफिक को लेकर भी खास व्यवस्था की गई है। डायवर्जन प्लान लागू किया गया है, ताकि श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो।
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