Deependra Kandhari: चमोली के लाल दीपेंद्र कंडारी जम्मू-कश्मीर में ड्यूटी के दौरान बलिदान हो गए। उनके बलिदान होने की खबर सुनकर परिवार में मातम पसर गया है। वे पोखरी तहसील के करछुना गांव के रहने वाले थे और 17वीं बटालियन गढ़वाल राइफल्स में हवलदार के पद पर तैनात थे।
तंगधार क्षेत्र में ड्यूटी पर तैनात थे दीपेंद्र कंडारी
मिली जानकारी के मुताबिक, दीपेंद्र कंडारी तंगधार क्षेत्र में ड्यूटी पर तैनात थे। इसी दौरान वे बलिदान हो गए। उनके बलिदान होने की वजह का अबतक पता नहीं चल पाया है। उनका परिवार इस समय देहरादून के रतनपुर में रहता है।
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सेना से रिटायर हैं दीपेंद्र के पिता
दीपेंद्र के पिता सुरेंद्र कंडारी सेना से रिटायर हैं। दीपेंद्र तीन भाइयों में सबसे छोटे हैं। वे अपनी पत्नी और दो बच्चों को अपने पीछे छोड़ गए हैं। बलिदानी के पार्थिव शरीर के दर्शन के लिए चमोली से बड़ी संख्या में लोग देहरादून पहुंच रहे हैं। बलिदानी का पार्थिव शरीर देहरादून स्थित शिमला बाईपास नयागांव आवास पर 11 अगस्त सुबह 9 बजे पहुंचेगा। वहीं, अंतिम संस्कार सैन्य सम्मान के साथ नयागांव घाट पर होगा। दीपेंद्र के दर्शन के लिए चमोली से बड़ी संख्या में लोग देहरादून पहुंच रहे हैं।
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