Uttarkashi News: यमुनोत्री और गंगोत्री धाम दर्शन को पहुंच रहे अप्रत्याशित तीर्थयात्रियों की भीड़ के आने से अव्यवस्था हो गई है। यात्रियों को धाम में पहुंचने में परेशान हो रही है। इतना ही नहीं, कुछ तीर्थयात्रियों के पास फर्जी पंजीकरण मिलने से परेशानी बढ़ गयी है। विडंबना देखें तो यमुनोत्री व गंगोत्री धाम आने वाले श्रद्धालुओं को हरिद्वार , देहरादून और टिहरी जनपद पार कर उत्तरकाशी पहुंचना होता है। अब ऐसे में हरिद्वार, देहरादून या टिहरी में बिना पंजीकरण या फर्जी पंजीकरण के तीर्थयात्रियों को ना रोका जाना व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़ा करता है।
बिना रजिस्ट्रेशन वाले श्रद्धालुओं को वापस जाने की सलाह
जिला प्रशासन और पुलिस ने सख्ती बरतते हुए बिना पंजीकरण व नियत तिथि से पहले आने वाले श्रद्धालुओं को वापस जाने की सलाह दी है। साथ ही, फर्जी तरीके से पंजीकरण करने वाले ट्रेवल्स एजेंट व वाहन मालिकों पर मुकदमा किये जाने का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जिलाधिकारियों से लिया फीडबैक
बता दें कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज सचिवालय में चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं की समीक्षा करते हुए यात्रा से जुड़े जिलों के जिलाधिकारियों से विभिन्न व्यवस्थाओं का फीडबैक लिया। उन्होंने अधिकारियों को यात्रा से जुड़े पैदल मार्गों पर पेयजल और अन्य सुविधाओं को सुदृढ़ करने के निर्देश दिए। सीएम ने साफ कहा कि यात्रा व्यवस्थाओं में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी।
Chardham Yatra को लेकर सीएम धामी ने की बैठक, दिए निर्देश
सीएम धामी ने कहा कि हमारा प्रयास है कि चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानियों का सामना न करना पड़े। प्रशासन और श्रद्धालुओं के आपसी समन्वय से व्यवस्थाएं और मजबूत हो रही हैं। अगले कुछ दिनों में ऑफलाइन पंजीकरण को दोबारा से शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने यात्रियों से अपील की है कि रजिस्ट्रेशन के बाद नियत तिथि पर ही अपनी यात्रा शुरू करें।
चारधाम यात्रा के लिए दो दिन नहीं होंगे रजिस्ट्रेशन, जानिए वजह
वाहनों की फिटनेस पर हो विशेष ध्यान
मुख्यमंत्री धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि यात्रियों को जिन स्थानों पर ठहराने की व्यवस्थाएं की गई है, वहां पेयजल, बिजली, शौचालय, खानपान और बच्चों के लिए दूध व अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध रहें। सीएम धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि भीड़ प्रबंधन और श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत आवश्यकतानुसार वैकल्पिक मार्गों की व्यवस्था की जाए और श्रद्धालुओं को इन मार्गों के बारे में जानकारी दी जाए। साथ ही, वाहनों की फिटनेस का भी विशेष ध्यान रखा जाए।