Uttarakhand Char Dham Yatra: देवभूमि उत्तराखंड की दिव्यता और भव्यता हमें बार-बार खींच लाती है। यहां पहुंचकर दिल को जो सुकून और शांति मिलती है, उसे हम शब्दों में बयां नहीं कर सकते हैं। ऋषिकेश से गंगोत्री तक 14 साल के भीतर जो सड़क और यात्रा सुविधाएं बढ़ी हैं, वह बेहतर हैं। हम गंगा के दर्शन को बार-बार आना चाहते हैं। ये बातें चारधाम यात्रा पर गंगोत्री धाम पहुंचे इटली, आस्ट्रेलिया और भारत के मित्र देश नेपाल से आए श्रद्धालुओं ने कही है।
गंगोत्री धाम आकर मिलती है सुकून और शांति
इटली के एंड्रिया ने कहा कि वह 14 साल में तीसरी बार गंगोत्री धाम पहुंचे हैं। यहां जो सुकून और शांति मिलती है, वह बार-बार यहां आने को मजबूर करती है। 14 सालों में ऋषिकेश से लेकर गंगोत्री धाम तक सड़क और चारधाम से जुड़ी सुविधाओं में बेहतर सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि गंगोत्री में गंगा के दिव्य दर्शन के साथ योगियों का सानिध्य भी मिलता है। यहां इंफ्रास्ट्रक्चर में बड़ा इजाफा हुआ है।
‘गंगा की सुंदरता और दिव्यता का अहसास मन को शांति और सुकून देता है’
इसी तरह, आस्ट्रेलिया से आई एंडरेशा भी गंगोत्री धाम की दिव्यता की कायल दिखीं। उन्होंने कहा कि गंगा की सुंदरता और दिव्यता का अहसास मन को शांति और सुकून देता है। उन्होंने कहा कि वह देवभूमि के दर्शन को हर बार आना चाहती हैं। उन्होंने चारधाम यात्रा के लिए की गई व्यवस्थाओं की तारीफ की और कहा कि कठिन हालातों में भी धाम तक सुरक्षित सड़क और सुविधाएं जुटाना समर्पण का काम है।
महिलाओं श्रद्धालुओं ने प्रशासन की जमकर की तारीफ
कुछ ऐसा ही पड़ोसी देश नेपाल और गुजरात से पहुंची महिला श्रद्धालुओं ने भी देवभूमि की खूबसूरती की तारीफ की। उन्होंने कहा कि यात्रा के दौरान स्थानीय प्रशासन ने उनकी जो मदद की है, वह काबिलेतारीफ है। उन्होंने कहा कि गंगा दर्शन कर वह पुण्य के भागी बने हैं। यहां से गंगा जल का प्रसाद ले जाकर वह अपने देश और परिजनों को बांटेंगे। महिला श्रद्धालुओं ने यहां आने और दर्शन करने तक की व्यवस्था की जमकर तारीफ की।
चारधाम यात्रा के लिए की गई व्यवस्थाओं की तारीफ कर रहे श्रद्धालु
बहरहाल, देश ही नहीं, बल्कि विदेशों से भी चारधाम यात्रा पर पहुंच रहे तीर्थयात्रियों द्वारा न केवल देवभूमि की दिव्यता, बल्कि चारधाम यात्रा के लिए की गई व्यवस्थाओं की भी खुले मन से तारीफ की जा रही है। गंगोत्री यात्रा पर आए इन विदेशी श्रद्धालुओं के अलावा अन्य लोग भी देवभूमि की दिव्यता के कायल दिखे।