अल्मोड़ा मुख्यालय से 35 किमी दूर घने जंगलों के बीच मौजूद है देवाधिदेव का अद्भुत धाम। माना जाता है कि इस जगह पर कभी स्वयं भगवान शिव ने बैठकर तपस्या की थी। आदि शंकराचार्य ने भी इस स्थान पर परमतप किया था। जागेश्वर धाम को 12 ज्योतिर्लिंग के रूप में भी माना जाता है। कहते हैं सावन के महीने में जागेश्वर धाम में शिव आराधना करने से भक्तों के सभी कष्ट मिट जाते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। 125 मंदिर समूह वाले इस धाम में महामृत्युंजय केदार ज्योतिर्लिंग पुष्टि माता हनुमान बटुक भैरव सहित कई अलग-अलग मंदिर हैं, जहां 24 घंटे बहती रहती है, सकारात्मक ऊर्जा की धारा।