उत्तराखंड के चमोली में, जहां एक पिछड़े की बीमारी अगड़ों की बेअदवी बन गई। पिछड़ी की अक्षमता ने जातीय सक्षमता को ऐसी चोट पहुंचाई कि जातीय ठेकेदारों की पंचायत ने पहले तो ₹5000 का जुर्माना ठोक दिया। इससे भी मन नहीं भरा तो अब लगातार हुका पानी बंद कर देने की धमकी दी जा रही है। हक हकूक से निकाल दिए जाने का डर दिखाया जा रहा है।