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कांग्रेस ने बद्रीनाथ और मंगलौर के लिए अपने प्रत्याशी घोषित किए

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Vidhan Sabha By Election 2024 : उत्तराखंड में विधानसभा की दो सीटों बद्रीनाथ और मंगलौर पर उपचुनाव होना है। इसके लिए बीजेपी ने पहले ही अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। वहीं, कांग्रेस ने भी बद्रीनाथ और मंगलौर विधानसभा उपचुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी।

कांग्रेस ने बद्रीनाथ से लखपत बुटोला को अपना प्रत्याशी बनाया है। वहीं, मंगलौर सीट से काजी निजामुद्दीन को प्रत्याशी बनाया है। भाजपा ने बदरीनाथ और मंगलौर विधानसभा क्षेत्र उप चुनाव के लिए प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। बदरीनाथ से बीजेपी ने पूर्व विधायक राजेंद्र भंडारी को प्रत्याशी बनाया है। इसके अलावा मंगलौर विधानसभा सीट से करतार सिंह भड़ाना को प्रत्याशी बनाया है।

कद्दावर नेता के रूप में माने जाने वाले हाजी सरवत करीम अंसारी के देहांत के बाद समीकरण का गठजोड़ करने वाले नेताओं के आंकड़े भी कमजोर होते नजर आ रहे हैं। हालांकि, हाजी सरवत करीम अंसारी के पुत्र उबेदुररहमान उर्फ मोंटी अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाने में जुट गए हैं। विधायक के देहांत के बाद मोंटी को सहानुभूति जरूर मिल रही है, लेकिन बसपा उन्हें टिकट देगी या नहीं, ये भी बड़ा सवाल बना हुआ है। वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस से पूर्व विधायक रहे काजी निजामुद्दीन इस सीट पर कांग्रेस और भाजपा के बीच ही कड़ा मुकाबला मान रहे हैं, लेकिन इस बार हाजी सरवत करीम अंसारी के पुत्र उबेदुररहमान उर्फ मोंटी अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए चुनावी समीकरण को बिगाड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।

हाजी और काजी के गढ़ में Manglaur By-election 2024 हुआ दिलचस्प

मंगलौर उपचुनाव बेहद ही दिलचस्प होने वाला है। हाजी और काजी का गढ़ कहे जाने वाले मंगलौर विधानसभा में भाजपा भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी। अब देखने वाली बात यह होगी कि मंगलौर विधानसभा सीट से जीत का सहारा किसके सिर पर सजता है। क्या मंगलौर विधानसभा की जनता एक बार फिर इतिहास दोहराएगी या फिर भाजपा इस बार कुछ करिश्मा दिखा पाएगी।

2002 से तीन बार विधायक रहे काजी निजामुद्दीन

उत्तराखंड के गठन के बाद मंगलौर विधानसभा से 2002 से 2007 और 2007 से 2012 तक काजी निजामुद्दीन बसपा से विधायक रहे। उसके बाद काजी ने बसपा को छोड़ कांग्रेस की सदस्यता ली और उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा। हाजी सरवत करीम अंसारी 2012 में बसपा से विधायक रहे। उसके बाद 2017 में कांग्रेस से काज़ी निजामुद्दीन विधायक रहे। उसके बाद 2022 में हाजी सरवत करीम अंसारी बसपा से ही विधायक बने।

  • 2002- बसपा से काजी निजामुद्दीन
  • 2007- बसपा से काजी निजामुद्दीन
  • 2012- बसपा से हाजी सरवत करीम अंसारी
  • 2017- कांग्रेस से काज़ी निजामुद्दीन
  • 2022- बसपा से हाजी सरवत करीम अंसारी

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