Uttarkashi Selku Mela 2024: सितंबर के जाते ही जब ठंड दस्तक देना शुरू करती है, तब उत्तरकाशी जनपद के सीमांत गांव मुखवा हर्शिल रैथल बारसू सुक्की में सेलकू मेला लगता है। मेला दो दिन लगता है। मेले में हिमालय के राजा सोमेश्वर देवता की पूजा की जाती है। गांव के लोग ऊंचे हिमालय क्षेत्र में जाकर बुग्यालों से वृहम कमल जयाण केदार पाती सहित कई प्रकार के फूल देवता को चढ़ाने के लिए लाते हैं।
गंगोत्री विधानसभा क्षेत्र के विधायक सुरेश चौहान ने बताया कि इन फूलों से देवता का स्थान सजाया जाता है। रात को गांव के सभी ग्रामीण मशाल लेकर दीपावली मनाते हैं। हर घर में मेहमानों के लिए विशेष पकवान बनाए जाते हैं। इसमें देवडा जिसे घी के साथ मेहमानों को खिलाया जाता है, अगले दिन देवता की पूजा होती है। रासो तांन्दी लगाई जाती है। गांव की विवाहित बेटियां इस दिन अपने मायके आकर भगवान सोमेश्वर को भेंट चढ़ाती हैं। ग्रामीण अपनी नई फसल देवता को भेंट करते हैं। आखिर में देवता कुल्हाड़ी पर चलकर आशीर्वाद देते हैं ओर ग्रामीणों की समस्या का समाधान करते हैं।
गंगोत्री विधानसभा क्षेत्र के विधायक ने कहा कि तिब्बत व्यापार से भी इस मेले का इतिहास जुड़ा हुआ है, क्योंकि काफी सालों पहले यहां से तिब्बत के साथ व्यापार होता था, लेकिन भारत-चीन युद्ध के बाद इसे बंद कर दिया गया था। कहा जाता है कि जब यहां के लोग तिब्बत व्यापार करने जाते थे तो वह दीपावली के काफी समय बाद लोटते थे ओर उन्हीं के स्वागत में इसे दीपावली के रूप में भी मनाया जाता है।
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सोमेश्वर देवता पर यहां के लोगों की बड़ी आस्था है। यहां के अधिकतर लोगों का पहले मुख्य व्यवसाय भेड़ पालन हुआ करता था। अधिकतर लोग भेड़ों के साथ जंगलों में रहते थे। वहां उनकी ओर उनकी भेड़ों की रक्षा सोमेश्वर देवता करते हैं ओर उसी का धन्यवाद करने के लिए ग्रामीण गांव लौटने पर उनकी पूजा-अर्चना करते हैं। सेलकु मेले में भगवान सोमेश्वर डांगरी पर चलकर लोगों की परेशानियों का निवारण करते हैं ओर आशीर्वाद देते हैं। मेला 16 और 17 सितंबर को भाद्र पद की आखिरी रात को लगता है।
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