UCC in Uttarakhand: उत्तराखंड में 9 नवंबर से पहले समान नागरिक संहिता (UCC) लागू होगा। सीएम धामी कई बार यह बात कह चुके हैं। यूसीसी लागू होने के बाद आम लोगों के उत्तराधिकार से जुड़ा एक और बड़ा बदलाव नजर आने वाला है। अब संतान की मृत्यु होने पर माता-पिता भी उसकी संपत्ति में हिस्सेदार होंगे।
अभी जो उत्तराधिकार कानून है, उसके तहत पति की मृत्यु के बाद उसके बैंक-बैलेंस और संपत्ति की हकदार पत्नी होती है। वहीं, माता-पिता बेसहारा हो जाते हैं।
बता दें कि यूसीसी की नियमावली का ड्राफ्ट शुक्रवार को अंग्रेजी भाषा में सरकार को सौंप दिया गया। इसे अब अनुवाद कराने के साथ विधि और न्याय विभाग के समक्ष तकनीकी समीक्षा के लिए भेजा जाएगा। फिर सरकार कैबिनेट मीटिंग कर उसे प्रभावी तौर पर लागू करने की तारीख की घोषणा कर सकती है।
यूसीसी ड्राफ्ट दो वॉल्यूम और चार हिस्सों में है। एक वॉल्यूम में 200, जबकि दूसरे में 410 पन्ने हैं। इनमें विवाह और विवाह विच्छेद, लिव इन रिलेशनशिप, जन्म और मृत्यु पंजीकरण और उत्तराधिकार संबंधी नियमों के रजिस्ट्रेशन संबंधी प्रक्रियाओं को तय किया गया है।
छह माह में कराना होगा शादी का रजिस्ट्रेशन
नियमावली से ही यह स्पष्ट होगा कि यदि विवाह, विवाह विच्छेद, लिव इन रिलेशनशिप और जन्म-मृत्यु का पंजीकरण नहीं करवाने पर क्या कार्रवाई होगी, प्रक्रिया कैसी होगी और कितनी सजा हो सकती है। इन्हीं नियमों के तहत यूसीसी लागू होगा। उसके बाद शादी का पंजीकरण कराने के लिए छह माह का समय दिया जाएगा।