Kedarnath Yatra 2024: 2013 की केदारनाथ आपदा के हीरो व भाजपा प्रदेश प्रवक्ता कर्नल अजय कोठियाल ने 31 जुलाई को केदारनाथ पैदल मार्ग पर हुए भूस्खलन का जायजा लेकर सरकार को अपनी रिपोर्ट दी है। 31 जुलाई को केदारनाथ घाटी में सोनप्रयाग और केदारनाथ मंदिर प्रांगण के बीच विभिन स्थानों पर बादल फटने और तेज बारिश के कारण कई स्थानों पर दैवीय आपदा का कहर देखने को मिला।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता कर्नल अजय कोठियाल ने बताया कि इस घटना में मानव जीवन की हानि के साथ-साथ यात्रा मार्ग, पुल और सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं। यात्रा स्थगित होने के कारण यात्रियों के दर्शन रुक गए और विभिन्न प्रकार के व्यापारियों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा। सितंबर में यात्रा की संख्या आमतौर पर बढ़ने लगती है। ऐसे में 3 नवंबर तक यात्रा सुचारू रूप से चल सके, इस सिलसिले में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बैठक कर विशेष निर्देश दिए थे। इसके तहत कर्नल अजय कोठियाल ने सोनप्रयाग से केदारनाथ धाम तक का पैदल निरीक्षण किया।
अजय कोठियाल ने बताया कि कुल 11 स्थानों पर बड़े और छोटे स्तर पर सड़कों को नुकसान पहुंचा है। जिला प्रशासन और जिला पंचायत इस पर तेजी से कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि 7 सितंबर से 3 नवंबर तक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यात्रा पूरी तरह से सुचारू रहने को लेकर कार्य किए जा रहे हैं। कहा कि हर टूटे स्थान पर सड़क 6 मीटर चौड़ी बनाई जाए, ताकि यात्री, घोड़े, खच्चर और डंडी-कंडी वाले आसानी से चल सकें।
उन्होंने कहा कि SDRF, चिकित्सालय और अन्य सुविधाएं उपलब्ध रहें। SDRF, चिकित्सालय और अन्य दलों का गठन व कुछ स्थानों पर वैकल्पिक मार्ग का निर्माण 7 सितंबर तक पूरा किया जाए। रोजगार से प्रभावित होने वाले समुदाय जैसे तीर्थ पुरोहित, घोड़े-खच्चर मालिक, होटल मालिक, टैक्सी वाहन, टेंट कॉलोनी वाले, निर्माण कार्यों में लगे ठेकेदार, मजदूर आदि की रोजी पूरी तरह से निश्चित की जाए।
कर्नल अजय कोठियाल ने कहा कि रामबाड़ा से केदारनाथ तक कार्य तेजी से चल रहा है। दो स्थानों पर रास्ता ज्यादा टूटा है, जिस पर ज्यादा मेहनत की जरूरत है। बारिश कम होते ही कार्य की प्रगति और तेज हो जाएगी। गौरीकुंड से रामबाड़ा तक तीन स्थानों पर क्षति अधिक है। कार्य ठीक चल रहा है। शीघ्र ही माल वाहक खच्चर सोनप्रयाग से आने लगेंगे, जिससे निर्माण की गति तेज हो जाएगी।
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कोठियाल ने बताया कि मनकुटिया के पास बड़ा स्लाइड जोन बना हुआ है, जहां लगातार बारिश के कारण मलबा और पत्थर आ रहे हैं। बारिश कम होते ही यह प्रक्रिया रुक जाएगी, तब तक समय बचाने के लिए मशीनों और मजदूरों द्वारा विभिन्न स्थानों पर पत्थर इकट्ठा किए जा रहे हैं। यह स्थान सोनप्रयाग के नजदीक होने के कारण जल्दी ठीक हो जाएगा।
वैकल्पिक मार्ग को बायपास करने के लिए और 6 फीट के वैकल्पिक मार्ग का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। इस मार्ग को मुख्य रास्ते से जोड़ने के लिए दो पुलों का निर्माण भी तेजी से हो रहा है। कहा कि मुख्यमंत्री खुद यात्रा सुचारु करने की निगरानी कर रहे हैं। जिला प्रशासन दूसरे चरण की यात्रा की व्यवस्थाओं में दिन-रात लगा हुआ है।
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