Water Crisis in Uttarakhand : उत्तरकाशी में सोमवार को प्रभारी मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल के खिलाफ स्थानीय लोगों में रोष दिखाई दिया। पानी की मांग कर रहे आंदोलकारियों ने चक्का जाम कर दिया। बडकोट के लोगों का बड़कोट को पानी दो, पम्पिंग पेयजल योजना की वित्तीय स्वीकृति दो की मांग थमने का नाम नहीं ले रही है। यमुनोत्री धाम के दर्शन के लिए पहुंचे शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का नगर के लोग बड़कोट बाजार में ज्ञापन देने का इंतजार कर रहे थे, लेकिन नगरवासियों को निराशा हाथ लगी।
प्रभारी मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल राजगढ़ी मार्ग से नौगांव लाखामंडल निकल गए, जिससे आक्रोशित नगरवासियों ने यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग के मुख्य चौराहे बडकोट पर चक्काजाम कर सरकार से पेयजल पम्पिंग योजना की जल्द धनराशि स्वीकृति की मांग की। नगरवासियो ने जाम के दौरान सिर्फ बड़कोट को पानी दो और पेयजल पम्पिंग योजना के लिए धनराशि स्वीकृत करो की नारेबाजी के साथ प्रदर्शन किया।
बता दें, नगरवासी 6 जून से तहसील परिसर में क्रमिक धरने पर बैठे हुए हैं। नगरवासी भीषण पेयजल संकट से लंबे समय से जूझ रहे हैं। सोमवार को शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के माध्यम से आंदोलनकारी मुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर जल्द कार्यवाही की उम्मीद में चार घंटे तक मुख्य चौराहे पर इंतजार करते रहे, लेकिन मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल राजगढ़ी, गडोली मोटर मार्ग से नौगांव चले गए। इसके बाद आंदोलनकारी आक्रोशित होकर सड़क पर बैठ गए। जाम लगाकर सरकार से जल्द पेयजल पम्पिंग योजना के लिए धनराशि स्वीकृति की मांग करने लगे।
भीषण गर्मी के साथ ही टिहरी में इन दिनों पानी लोगों के लिए सबसे बड़ी परेशानी का सबब बना हुआ है। नई टिहरी जिला मुख्यालय में जहां रोस्टर प्लान बनाकर टैंकरों से आपूर्ति की जा रही है, वहीं कई कॉलोनियों में टैंकर नहीं पहुंचने से रोस्टर प्लान भी फेल होता नजर आ रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में हाल और बुरा है। चंबा और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में तो कई प्राकृतिक स्त्रोत सूखने से लोगों की परेशानियां और बढ़ गई हैं।
जल जीवन मिशन योजना का फायदा भी ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है, जिससे ग्रामीण मीलों दूर से पानी ढोने को मजबूर हैं। वहीं, अधिकारियों का कहना है कि चंबा के लिए एक नई योजना बनाई जा रही है, जिससे आसपास के क्षेत्रों में भी पानी पहुंचाया जा सकेगा। बता दें, जहां तपती धूप में लोगों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है, वहीं लोगों को कई किलोमीटर दूर से प्यास बुझाने के पानी ढोने को मजबूर होना पड़ रहा है।