Villagers Protest in Gangnahar Kotwali: रुड़की में बदमाशों के हमले में घायल युवक की रविवार को उपचार के दौरान मौत हो गई। युवक की मौत की जानकारी मिलने पर गुस्साए ग्रामीणों ने कोतवाली का घेराव कर दिया। ग्रामीणों ने पुलिस पर हत्या के आरोपियों को बचाने का आरोप लगाया। बढ़ती भीड़ को देखकर आसपास के थानों की पुलिस को भी गंगनहर कोतवाली में बुलानी पड़ी। ग्रामीणों का आरोप है कि दो माह से इस मामले में कोई कार्रवाई पुलिस की तरफ से नहीं की गई।
रुड़की के माधोपुर गांव के तालाब में डूबने से वसीम की मौत का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ है। वहीं, एक बार फिर माधोपुर गांव में आक्रोश उत्पन्न हो गया। गंगनहर कोतवाली क्षेत्र के माधोपुर गांव का रहने वाला 19 वर्षीय अंकित कुमार सुनहरा गांव में श्रेया पैथोलॉजी लैब में काम करता था। 4 अगस्त की देर शाम अंकित छुट्टी के बाद अपने गांव माधोपुर जा रहा था। जैसे ही वह गांव के पास बने अंडरपास पर पहुंचा तो पहले से घात लगाए बैठे करीब 6 बदमाशों ने उसके साथ मारपीट शुरू कर दी।
बदमाशों ने उसके ऊपर चाकू से हमला कर दिया। इसी दौरान गांव का ही पंकित कुमार नामक एक युवक जो फाइनेंस का काम करता है, वह अपने घर लौट रहा था। उसने देखा कि अंकित के साथ कुछ लोग मारपीट कर रहे हैं। पंकित जैसे ही बीच-बचाव करने के लिए बीच में घुसा तो बदमाशों ने उसके ऊपर भी चाकू से हमला कर दिया और मौके से फरार हो गए। इसके बाद घायल अवस्था में पंकित ने अपने परिजनों को घटना की जानकारी दी।
पंकित के घायल होने की जानकारी मिलते ही उसके परिजन और ग्रामीण आनन-फानन में मौके पर पहुंचे और दोनों घायलों को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया था। इसके बाद घटना की जानकारी पुलिस को दी गई थी। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस अस्पताल पहुंच गई थी और घटना के बारे में जानकारी जुटाई थी। इसके बाद दोनों घायलों को रुड़की के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां से पंकित की हालत गंभीर होने पर चिकित्सकों ने उसे हायर सेंटर ऋषिकेश के एम्स हॉस्पिटल के लिए रेफर कर दिया था।
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पंकित की रविवार रात उपचार के दौरान मौत हो गई। वहीं, जब उसकी मौत की खबर गांव में पहुंची तो काफी संख्या में ग्रामीणों ने कोतवाली का घेराव कर दिया। साथ ही धरना देकर कोतवाली में बैठ गए। वहीं, ग्रामीणों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए आसपास के थानों की पुलिस भी गंगनहर कोतवाली में बुलानी पड़ी। ग्रामीणों ने दो माह से इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं करने का आरोप भी पुलिस पर लगाया। पुलिस अधिकारियों ने धरनास्थल पर बैठे ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया।
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