Uttarakhand power Department : उत्तराखंडवासियों को चुनाव के बाद अब महंगाई का झटका लगने वाला है। प्रदेश में बिजली की कीमतों में बढ़ोतरी के लिए सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। अब सिर्फ एलान होना बाकी है। अगले हफ्ते बिजली की बढ़ी हुई दरों का एलान कर दिया जाएगा। उत्तराखंड में बिजली कितनी महंगी होगी, ये साफ नहीं है। लेकिन, माना जा रहा है कि 10 से 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जा सकती है।
बिजली की कीमतों को बढ़ाने को लेकर उत्तराखंड पॉवर कॉरपोरेशन लिमिटेड यानी यूपीसीएल दलील दे रहा है कि राज्य की मांग पूरी करने के लिए उसे महंगी बिजली खरीदनी पड़ रही है। बिजली के लिए 1281 करोड़ ज्यादा देने पड़ रहे हैं। इसकी भरपाई के लिए एक अप्रैल से शुरू हुए वित्तीय वर्ष में यूपीसीएल ने बिजली दरों में 23 से 27 प्रतिशत बढ़ोतरी की सिफारिश की थी, जिसे मान लिया गया। अब हफ्ते भर में बिजली की कीमतों में बढ़ोतरी का औपचारिक तौर पर एलान कर दिया जाएगा। बिजली की नई दरें 1 अप्रैल से लागू मानी जाएंगी। फैसले का उत्तराखंड के 27 लाख से ज्यादा उपभोक्ताओं पर असर पड़ेगा। पिछले साल आयोग ने बिजली दरों में 9.64 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी।
बिजली विभाग ने बढ़ोतरी को लेकर उत्तराखंड पॉवर कॉरपोरेशन लिमिटेड में याचिका दायर की थी। याचिका पर यूपीसीएल ने प्रदेशभर में जनसुनवाई करवाई। इसके अलावा सभी हितधारकों से भी बातचीत करके सुझाव लिए गए। बिजली की बढ़ी हुई दरें एक अप्रैल से लागू की जानी थीं। लेकिन, इससे पहले ही लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो गई थी। 19 अप्रैल को राज्य में लोकसभा चुनाव संपन्न हुए तो यूपीसीएल ने चुनाव आयोग से नई बिजली दरें जारी करने को लेकर निर्देश मांगे। चुनाव आयोग ने मंजूरी दे दी। इसके बाद पूरी तरह से साफ हो गया कि प्रदेश में बिजली के दाम बढ़ेंगे।