Uttarakhand: उत्तराखंड के जंगलों में आग की घटनाओं को देखा गया। इस दौरान शासन और प्रशासन आग को बुझाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग से वन संपदा को भी काफी नुकसान हुआ है। आग को बुझाने के लिए सेना की भी मदद ली गई है। सीएम धामी लगातार आग की मॉनिटरिंग कर रहे हैं और समय समय पर अधिकारियों के साथ बैठक भी कर रहे हैं। हालांकि उत्तराखंड में हुई बारिश से आग की घटनाओं पर रोक लगी है। बारिश की वजह से कई जगहों पर आग पर काबू पाया गया है।
आग की घटनाओं को रोकने को लेकर कुछ दिन पहले सीएम धामी ने लोगों से अपील की थी कि वह पिरूल को इकट्ठा करें, क्योंकि जंगल में आग लगने का सबसे बड़ा कारण पिरूल है। सीएम के आदेश के बाद अब पहाड़ी इलाकों में ग्रामीण पिरूल एकत्रित करने लगे हैं। सरकार वनाग्नि को रोकने के लिए ‘पिरूल लाओ-पैसे पाओ’ मिशन पर भी कार्य कर रही है।
पिरूल को वनाग्नि का बड़ा कारण माना जाता है। ऐसे में अब सरकार वनाग्नि को रोकने के लिए ‘पिरूल लाओ-पैसे पाओ’ मिशन पर भी कार्य कर रही है। सीएम धामी के निर्देश के बाद इस मिशन के तहत जंगल की आग को कम करने के उद्देश्य से पिरूल कलेक्शन सेंटर पर 50 रुपये प्रति किलो की दर से पिरूल खरीदे जाएंगे।