हल्द्वानी हिंसा के मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक का हिंसा से पहले का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में अब्दुल मलिक अवैध कब्जा हटाने पहुंचे अफसर को धमकाता हुआ नज़र आ रहा है। अब्दुल मलिक ने बाप-दादा की जमीन बताते हुए अधिकारी से तीखी बहस की, वहीं जब बुलडोजर वाली कार्रवाई नहीं रुकी तो कहने लगा कि बुलडोजर मेरी लाश के ऊपर से उतारना होगा।
गौर से देख लीजिए सरकारी अफसर को कैसे अपने बाप-दादा के नाम से हड़का रहा है हल्द्वानी हिंसा का मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक। अब्दुल मलिक नाम के इस शख्स को और उसके चेहरे को अच्छी तरह से पहचान लीजिए। जो सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करने के बाद अफसर पर रौब दिखा रहा है।
ये वही अब्दुल मलिक है जिसने नैनीताल जिले के अमन और चैन पसंद हल्द्वानी को हिंसा की आग में झोंक डाला और फिर भाग निकला। अब्दुल मलिक की फोटो और पोस्टर तो आपने देख ही लिए होंगे। अब उसका वीडियो भी देख लीजिए। देख लीजिए लाइव उसकी गुंडागर्दी और करतूतों को।
फरवरी की हल्द्वानी हिंसा के बाद से अब्दुल मलिक भागा भागा फिर रहा है। ये वीडियो हिंसा से पहले का है। जो अचानक सामने आ गया है। अब्दुल मलिक की पुलिस उत्तराखंड समेत 5 राज्यों की खाक छान रही है। उसे ढूंढने के लिए 1500 से ज्यादा CCTV खंगाले जा रहे हैं।
ये वीडियो हम इसलिए भी आपको दिखा रहे हैं ताकि अगर हल्द्वानी हिंसा का ये मास्टरमाइंड आपके बीच कहीं मौजूद हो और आपको कहीं नज़र आ जाए तो आप इसे सलाखों के पीछे पहुंचाने में मदद कर सकें।
फरार अब्दुल मलिक और उसके बेटे को पकड़ने के लिए पुलिस शहर-शहर दबिश दे रही है। उसके पोस्टर हल्द्वानी की हर गली, हर मोहल्ले में चस्पा कर दिए गए हैं। अब्दुल मलिक की चौतरफा तलाश के बीच ये वीडियो हम तक पहुंचा तो हमने आप तक पहुंचा दिया। इस वीडियो में अब्दुल मलिक जिस अधिकारी से बहस कर रहा है और उसे धमका रहा है वो नगर आयुक्त हैं। ये वीडियो सबूत है कि अब्दुल मलिक को किसी का भी डर नहीं था। ना सरकार का, ना प्रशासन का। वो बस मनमानी करता था। देखिए कैसे अब्दुल मलिक सरकारी जमीन को अपने बाप-दादा की जमीन बता रहा है। लगातार अधिकारी के साथ तीखी बहस कर रहा है। कह रहा है कि बुलडोजर चाहो तो उसकी लाश के ऊपर से निकाल दो पर जमीन खाली नहीं करेगा।
ये वीडियो उस वक्त का है, जब प्रशासनिक अमला बनभूलपुरा की सरकारी जमीन से अवैध कब्जों को हटाने के लिए पहली बार पहुंचा था।
बनभूलपुरा क्षेत्र की करोड़ों रुपये की सरकारी जमीन पर अब्दुल मलिक ने अवैध कब्जा कर रखा था। कई तरह का निर्माण कर रखा था। लेकिन प्रशासन ने उसे ध्वस्त कर दिया। सिर्फ नमाज स्थल और मदरसे को उस वक्त प्रशासन ने छोड़ दिया था। क्योंकि मामला समुदाय विशेष की धार्मिक आस्था से जुड़ा था। इसलिए पहले अब्दुल मलिक को प्रशासन ने कई बार नोटिस भेजा। लेकिन दबंगई दिखाने वाला अब्दुल मलिक जिद पर अड़ा रहा। तब प्रशासन का बुलडोजर बनभूलपुरा के अवैध नमाज स्थल और मदरसे पर भी चल गया।
फरवरी की सुबह ये अब्दुल मलिक की गुंडागर्दी के खिलाफ ये बुलडोजर चला और शाम होते होते हल्द्वानी को अब्दुल मलिक और उसके गुर्गों ने हिंसा की आग में झोंक दिया। वो तस्वीरें पूरी दुनिया ने देखीं। उन्हें दोबारा कोई याद भी नहीं करना चाहता। लेकिन ये जरूर चाहता है कि हल्द्वानी का गुनहगार अब्दुल मलिक जल्द से जल्द सलाखों के पीछे पहुंचे और उसके गुनाहों का हिसाब हो। इस बीच हल्द्वानी का ताजा अपडेट ये है कि वहां जिंदगी पटरी पर लौट रही है। अमन-चैन की वापसी हो रही है और आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद हल्द्वानी हिंसा में गिरफ्तारी की संख्या बढ़कर 58 हो चुकी है। पकड़े गए 14 नए आरोपियों में तीन वांटेड रहे हैं। ये वो लोग हैं जिन्होंने गाड़ियों में आग लगाई। घरों में तोड़फोड़ की, पेट्रोल बम से हिंसा भड़काई, पुलिस ने आरोपियों के पास से पेट्रोल बम और हिंसा के दौरान पीएससी के जवान से लूटी गई कार्बाइन मैगजीन भी बरामद की है। कई अन्य उपद्रवियों की तलाश अभी भी जारी है।
हिंसा वाले दिन कैमरों में कैद उपद्रवियों की तस्वीरों की मदद से पुलिस उन्हें चिन्हिंत कर रही है और हिंसा से जुड़े सुराग जुटा रही है। लेकिन हिंसा का पूरा सच तब सामने आएगा जब यही मोस्ट वांटेड अब्दुल मलिक पकड़ा जाएगा। जिसे देवभूमि की फिज़ा में हिंसा वाला जहर घोलने का सबसे बड़ा गुनहगार माना जा रहा है। अब्दुल मलिक की पाप की कमाई का महल तो मिट्टी में मिला दिया गया है। अब बारी हिंसा की साजिश रचने वाले इस खलनायक को उसके सही अंजाम तक पहुंचाने की है।