उत्तराखंड के जंगल इन दिनों आग से सुलग रहे हैं। सीएम धामी लगातार इन आग की घटनाओं पर काबू पाने के लिए तरह तरह के प्रयास कर रहे हैं व अधिकारियों के साथ लगातार मीटिंग कर रहे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज प्रदेश में बढ़ रही जंगल में आग की घटनाओं को रोकने के लिए की जा रही व्यवस्थाओं को परखने के लिए रुद्रप्रयाग पहुंचे। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक भी की।
इसके बाद सीएम जंगल में पहुंचे और जंगल में बिखरी हुई पिरूल की पत्तियों को एकत्र कर जन-जन को इसके साथ जुड़ने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि पिरूल की सूखी पत्तियां वनाग्नि का सबसे बड़ा कारण होती हैं।उन्होंने कहा कि मेरा प्रदेश की समस्त जनता से अनुरोध है कि आप भी अपने आस-पास के जंगलों को बचाने के लिए युवक मंगल दल, महिला मंगल दल और स्वयं सहायता समूहों के साथ मिलकर बड़े स्तर पर इसे अभियान के रुप में संचालित करने का प्रयास करें।
आज रुद्रप्रयाग पहुंचकर जंगल में बिखरी हुई पिरूल की पत्तियों को एकत्र करते हुए जन-जन को इसके साथ जुड़ने का संदेश दिया। पिरूल की सूखी पत्तियां वनाग्नि का सबसे बड़ा कारण होती हैं।
— Pushkar Singh Dhami (Modi Ka Parivar) (@pushkardhami) May 8, 2024
मेरा प्रदेश की समस्त जनता से अनुरोध है कि आप भी अपने आस-पास के जंगलों को बचाने के लिए युवक मंगल दल,… pic.twitter.com/AoAH10wUcO
वनाग्नि को रोकने के लिए सरकार ‘पिरूल लाओ-पैसे पाओ’ मिशन पर भी कार्य कर रही है। इस मिशन के तहत जंगल की आग को कम करने के उद्देश्य से पिरूल कलेक्शन सेंटर पर ₹50/किलो की दर से पिरूल खरीदे जाएंगे। इस मिशन का संचालन पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड द्वारा किया जाएगा इसके लिए ₹50 करोड़ का कार्पस फंड पृथक रूप से रखा जाएगा।
उन्होंने प्रदेश की जनता से अनुरोध है कि आप भी अपने आस-पास के जंगलों को बचाने के लिए युवक मंगल दल, महिला मंगल दल और स्वयं सहायता समूहों के साथ मिलकर बड़े स्तर पर इसे अभियान के रूप में संचालित करने का प्रयास करें।
सीएम ने निर्देश देते हुए कहा कि वनाग्नि की घटना को पूरी तरह से रोकने के लिए सभी सचिव को अलग-अलग जिलों की जिम्मेदारी दी जाए। सभी सचिव संबंधित जनपदों में जाकर वनाग्नि से प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण करें और वनाग्नि को रोकने के लिए हरसंभव कदम उठाएं व जंगल में आग लगाने वालों पर कठोर कार्रवाई की जाए।