उत्तराखंड विधानसभा में बजट सत्र का आगाज हुआ लेकिन पहाड़ों की ठंड के बीच सियासी गर्मी के साथ। धामी सरकार का बजट सत्र शुरू होने से पहले कांग्रेस ने देहरादून के गांधी पार्क में एक घंटे का सांकेतिक मौन व्रत रखा।
पूर्व सीएम हरीश रावत और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा की अगुवाई में पार्टी के नेता और कार्यकर्ता इस मौन व्रत में शामिल हुए। मौन व्रत के जरिए विपक्ष सरकार के उस फैसले का विरोध कर रही है, जिसमें बजट सत्र गैरसैंण के विधान मंडल भवन में ना होकर विधानसभा में हो रहा है।
कुछ दिनों पहले सदन में ही सरकार ने सर्वसम्मति से फैसला लिया था कि इस बार का बजट सत्र ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण विधान मंडल भवन में आयोजित किया जाएगा लेकिन ऐसा हुआ नहीं। बजट सत्र का आयोजन देहरादून में ही किया गया। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि उत्तराखंड विधानसभा के ज्यादातर विधायक गैरसैंण में बजट सत्र आयोजन के पक्ष में नहीं थे। विधायकों ने हवाला गैरसैंण में पड़ रही कडाके की ठंड का दिया।
गैरसैंण करीब 8 हजार फीट की उंचाई पर है। वहां लगातार बर्फबारी हो रही है इसलिए विधायकों के इरादे भी ठंडे हो गए। 40 से ज्यादा विधायकों ने इसके लिए विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी को पत्र लिखा और फैसला बदल गया। गैरसैंण की जगह बजट सत्र विधानसभा में ही शुरू हुआ। लेकिन इसी बात को लेकर कांग्रेस ने मुद्दा बना लिया और अब हरीश रावत समेत कांग्रेस के नेता हिमालयी राज्य के पहचान के अपमान की बातें कहते हुए धामी सरकार को घेर रहे हैं।