अस्पताल के बेड पर मरीज़ है, वह डॉक्टर्स की निगरानी में है। लेकिन यहां मरीज के पास साधु-संतों का जमावड़ा क्यों लगा है? हॉस्पिटल के जिस वार्ड में डॉक्टर्स की टीम और नर्सिंग स्टाफ को नजर आना चाहिए, वहां ये साधु-संत क्या कर रहे हैं?
ज़ाहिर सी बात है कि इन तस्वीरों को देखने के बाद आपके ज़हन में इसी तरह के ढेरों सवाल उठ रहे होंगे। दरअसल, ये तस्वीरें ऋषिकेश एम्स की है। बेड पर लेटा जो मरीज़ नज़र आ रहा है, वो एक बड़े संत हैं। नाम है महामंडलेश्वर गोपाल दास महाराज। पिछले कुछ दिनों से गोपाल दास महाराज की तबीयत नासाज है, इसलिए ऋषिकेश एम्स में भर्ती कराया गया है। हालत स्थिर है। डॉक्टरों के मुताबिक, खतरे की कोई बात नहीं है।
अब जानिए कि महामंडलेश्वर गोपाल दास महाराज के आसपास ये साधु संत क्यों हैं और गोपाल दास महाराज के ठीक बगल में बैठा ये सफेद साफा वाला व्यक्ति कौन है? इनका नाम है महंत अभिषेक दास। जिन्हें दिगंबर अखाड़े के महामंडलेश्वर गोपाल दास ने अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया है। अध्यात्म की दुनिया में कोई साधु-संत जब अपने किसी शिष्य़ को अपना उत्तराधिकारी घोषित करता है तो उसके लिए विशेष धार्मिक संस्कार निभाने अनिवार्य होते हैं। इन साधु-संतों के बीच यहां भी वही संस्कार हो रहे हैं।
दिगंबर अखाड़े के महामंडलेश्वर गोपाल दास महाराज अभी बैठने और चलने-फिरने की स्थिति में नहीं हैं। डॉक्टरों ने उन्हें पूरी तरह आराम की सलाह दी है। लेकिन महामंडलेश्वर गोपाल दास महाराज ने जब फैसला लिया कि महंत अभिषेक दास उनके उत्तराधिकारी होंगे और इस संस्कार को जल्द पूरा करने की इच्छा जाहिर की तो एम्स के अंदर ही महंत अभिषेक दास को उत्तराधिकारी बनाए जाने के संस्कार पूरे धार्मिक विधि-विधान से निभाए गए। ये सब हुआ एम्स प्रशासन की विशेष मंजूरी के बाद।
कौन हैं महामंडलेश्वर गोपाल दास
महंत गोपाल दास दिगंबर अखाड़े के महामंडलेश्वर हैं। उन्होंने 35 साल पहले संन्यास लेकर तप और ध्यान शुरू किया था। गोपाल दास महाराज का आश्रम बिजनौर के चांदपुर में है। यहीं से वो अखाड़े से जुड़ी तमाम गतिविधियों को देखते हैं। महामंडलेश्वर गोपाल दास के शिष्य महंत अभिषेक दास उत्तराधिकारी नियुक्त होने के बाद अब अपने गुरु के द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलकर दिगंबर अखाड़े की जिम्मेदारी संभालेंगे।
धर्मनगरी हरिद्वार में संतों का जमावड़ा तो आम बात है। साधु-संतों में उत्तराधिकारी घोषित करने की पुरानी परंपरा रही है। संत-महात्मा अपनी देह त्याग करने से पहले ही अपना उत्तराधिकारी घोषित करते हैं। ताकि संतों के ज्ञान और सनातनी परंपराओं को आगे बढ़ाया जा सके। आम तौर पर जब साधु अपना उत्तराधिकारी घोषित करते हैं तो भव्य आयोजन किये जाते हैं। तमाम साधुओं को आमंत्रित किया जाता है। विशाल भंडारे का आयोजन होता है। पूजा-पाठ और हवन होता है। लेकिन यहां नज़ारा कुछ और ही है। ऐसा शायद पहली बार है, जब अस्पताल के बेड से किसी संत ने अपना उत्तराधिकारी घोषित किया हो। महामंडलेश्वर गोपाल दास ने अपने शिष्य अभिषेक दास को मंगल तिलक लगाकर उत्तराधिकारी घोषित किया।
इन साधु-संतों के साथ-साथ एम्स के डॉक्टर और स्टाफ भी इस लम्हे के साक्षी बने। डॉक्टर की टीम महामंडलेश्वर गोपाल दास का अच्छे से ख्याल रख रही है। उसके स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है। उम्मीद है कि जल्द ही वो ठीक होकर अपने मठ में लौट जाएंगे। इसके बाद साधु परंपराओं के तहत हवन पूजन और भंडारे का आयोजन भी होगा। फिलहाल ये तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं। लोग इन तस्वीरों को देखकर हैरान हैं. साथ ही इन साधुओं को नमन भी कर रहे हैं।