राजाजी टाइगर रिजर्व के पश्चिमी हिस्से में टाइगर्स की संख्या बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए फिर से कॉर्बेट नेशनल पार्क से एक मादा टाइगर ट्रांसलोकेट कर राजाजी टाइगर रिजर्व की मोतीचूर रेंज में छोड़ा गया। इस मौके पर वन मंत्री सुबोध उनियाल, राजाजी टाइगर रिजर्व के डायरेक्टर साकेत बडोला सहित कई अधिकारी मौजूद रहे।
गौरतलब है कि पारिस्थितिकी संतुलन के लिए वन मंत्रालय ने एक नया प्रयोग शुरू किया है। करीब तीन साल पहले कॉर्बेट नेशनल पार्क से एक नर और दो मादा टाइगर को ट्रांसलोकेट कर हरिद्वार की मोतीचूर रेंज में छोड़ा गया था। टाइगर ट्रांसलोकेट का यह प्रयोग सफल रहा और मोतीचूर रेंज में छोड़े गए तीनों टाइगर यहां सुरक्षित हैं। आज एक बार फिर से एक मादा टाइगर पहले ट्रेंकुलाइज कर मोतीचूर रेंज में रिलीज किया गया। वन मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया कि टाइगर्स की संख्या बढ़ने के साथ-साथ राजाजी टाइगर रिजर्व में आने वाले पर्यटकों की न सिर्फ संख्या बढ़ेगी, बल्कि इससे राजस्व में भी बढ़ोत्तरी होगी।
तीन साल पहले नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी द्वारा पांच टाइगर्स को कॉर्बेट से ट्रांसलोकेट कर मोतीचूर में रिलीज करने की परमिशन मिली थी। पहले चरण में चार टाइगर्स को यहां ट्रांसलोकेट कर दिया गया है। राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक साकेत बडोला ने बताया कि आज छोड़ी गई चौथी मादा टाइगर पर सेटेलाइट के माध्यम से निगरानी की जाएगी। जैसे ही मादा टाइगर यहां पर अनुकूल वातावरण बना लेगी, तभी पांचवें टाइगर को भी यहां लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
राजाजी टाइगर रिजर्व में टाइगर्स की संख्या बढ़ाने के लिए वन मंत्रालय ने टाइगर ट्रांसलोकेट पर काम करना शुरू कर दिया। एनटीसीए की मंजूरी के बाद अभी तक चार टाइगर मोतीचूर रेंज में छोड़ दिए गए हैं। अब बहुत जल्द ही यहां पांचवें टाइगर को भी ट्रांसलोकेट कर दिया जाएगा।