उत्तराखंड की धामी सरकार के इस बार के बजट को महिला बजट कहा जा रहा है। महिला बजट इसलिए कि धामी सरकार ने अपने कुल बजट का 16 फीसदी हिस्सा महिलाओं सशक्तिकरण के नाम किया है। बजट में अपनी इस पहल को सरकार ने नाम दिया है जेंडर बजट। बजट का 16 प्रतिशत हिस्सा महिलाओं को समर्पित कर आधी आबादी को सशक्तिकरण की राह दिखाई है। आइये आपको बताते हैं कि उत्तराखंड सरकार के इस जेंडर बजट में महिलाओं के लिए क्या क्या है।
उत्तराखंड की धामी सरकार ने अपने बजट में 14 हजार करोड़ रूपए का प्रावधान जेंडर बजट के तौर पर किया है। जो कुल बजट का 16 फीसदी हिस्सा है। अपने इस जेंडर बजट के जरिये सरकार ने महिलाओं को रिझाया है और ये बताने की कोशिश की है कि राज्य में महिला सशक्तिकरण को लेकर वह बेहद गंभीर है। जेंडर बजट के जरकिये सरकार महिलाओ से जुड़ी कल्याणकारी योजनाओं के लिए कुल 14538.05 करोड़ रुपए का बजट आवंटन किया है। वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने विधानसभा में पेश कुल 88,597 करोड़ रुपए के बजट मेंसे 14538 करोड़ रुपए जेंडर बजट के नाम किए गए हैं।
जेंडर बजट के जरिये सरकार ने मुख्य तौर पर नंदा गौरा योजना, मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना, मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना और गंगा गाय महिला डेयरी विकास जैसी योजनाओं को शामिल किया है। पोषाहार कार्यक्रम के लिए भी सरकार ने सबसे अधिक बजट रखा है। महिला सशक्तिकरण और बाल विकास विभाग के अधीन संचालित अनुपूरक पोषाहार कार्यक्रम के लिए कुल 274.81 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। इसके तहत आंगनबाड़ी केंद्रों में पंजीकृत छह लाख से अधिक बच्चों के साथ ही 56, 561 गभर्वती और 54,347 धात्री महिलाओं को नियमित पौष्टिक आहार प्रदान किया जाएगा।
जेंडर बजट के तहत आबंटित राशि महिलाओं के स्वास्थ्य, शिक्षा और श्रम, रोजगार क्षेत्र की आवश्यकताओं को पूरा करने में व्यय की जाएगी। इसके खर्च और उपयोगिता पर सरकार खास तौर पर नजर रखेगी। सरकार के मुताबिक जेंडर बजट का उपयोग दो तरह की योजनाओं के लिए किया जाएगा। पहली वह योजना जो शत प्रतिशत महिलाओं के लिए बनाई गई हैं। दूसरी वह योजना है जिसमें महिलाओं की 30 फीसदी भागीदारी होती है। प्रदेश सरकार का महिला सशक्तीकरण पर विशेष फोकस है।
राज्य में सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने के साथ ही मुख्यमंत्री नारी सशक्तिकरण योजना, मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना, मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना, मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजनाएं भी चलाई जा रही हैं। यही नहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहले ही तीलू रौतेली पुरस्कार योजना व नंदा गौरा योजना के तहत मिलने वाली प्रोत्साहन धनराशि में भी बढ़ोतरी कर चुके हैं।