Underworld Don Prakash Pandey: अंडरवर्ल्ड डॉन प्रकाश पांडेय उर्फ पीपी पांडेय को महंत बनाने मामले को लेकर विशेष सचिव ने जांच के आदेश दिए हैं। यह जांच जेल प्रशासन उत्तराखंड को सौंपी गई है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अभी इस जांच के आदेश जिला जेल, प्रशासन और पुलिस को प्राप्त नहीं हुए हैं। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि पूरी जांच गोपनीय रहेगी।
पांच सितंबर को उत्तराखंड में उस समय हड़कंप मच गया था, जब अपने को श्रीपंचदसनाग जूना अखाड़े का थानापति बताने वाले राजेंद्र गिरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया था कि अंडरवर्ल्ड डॉन पीपी पांडेय को कारागार में दीक्षा देकर मठों का उत्तराधिकारी बनाया गया है। राजेंद्र गिरी का दावा था कि प्रकाश पांडेय को प्रकाशानंद नाम देकर कंठी माला, रुद्राक्ष माला और वस्त्र भेंटकर उत्तराधिकारी घोषित किया गया है।
अंडरवर्ल्ड डॉन प्रकाश पांडेय उर्फ पीपी को जूना अखाड़े द्वारा दीक्षा दिए जाने और महंत बनाने के मामले का जूना अखाड़े के मुख्य संरक्षक श्री महंत हरिगिरि ने संज्ञान लिया था। उन्होंने कहा था कि इसकी जानकारी उन्हें नहीं दी गई थी। महंत हरिगिरि ने इसे गलत ठहराते हुए जांच बैठा दी है। उन्होंने यह भी कहा था कि दोषी पर कार्रवाई की जाएगी।
जूना अखाड़े के मुख्य संरक्षक श्री महंत हरिगिरि ने कहा था कि मामले की जांच के लिए 7 वर्तमान और निवर्तमान पदाधिकारियों की एक समिति बना दी गई है, जो अपनी जांच रिपोर्ट देगी। इसके बाद पीपी पांडेय को संत बनाने वाले संतों पर भी कार्रवाई की जा सकती है। जूना अखाड़े के मुख्य संरक्षक श्री महंत हरिगिरि के जांच के एलान के बाद शासन की ओर से विशेष सचिव रिद्धिम अग्रवाल ने उत्तराखंड जेल प्रशासन को जांच के आदेश दे दिए हैं।
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अल्मोड़ा जिला कारागार में पीपी पांडेय से मिलने आए कथित जूना अखाड़े के संतों का यहां तक दावा था कि पीपी को जल्द मंडलेश्वर बनाया जाएगा। संतों का कहना था कि अनुमति नहीं मिलने से कारागार में सभी अनुष्ठान पूरे नहीं हो सके हैं। प्रशासनिक अधिकारियों की मानें तो पीपी पांडेय को महंत बनाने के मामले को शासन ने गंभीरता से लिया है। शासन ने पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की है।
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