उत्तराखंड में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत आवेदकों को सरकार ने एक बड़ी राहत दी है। अब लाभार्थियों को इस योजना के लिए कम पैसे देने के साथ-साथ ड्यूटी, रजिस्ट्रेशन फीस में भी राहत दी गई है। वहीं, धामी सरकार ने विकासकर्ता के लिए भी 50 हजार रुपये के व्यवहार्य अंतर निधि (वीजीएफ) फंड का प्रावधान किया है।
सोमवार को सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में उत्तराखंड आवास नीति संशोधन नियमावली पर मुहर लगाई गई। बता दें कि प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए साल 2016-17 में एक आवास की लागत 6 लाख रुपये थी। इस राशि में 1.5 लाख रुपये केंद्र और एक लाख रुपये राज्यांश था, जिसे सरकार देती थी। बाकी के 3.50 लाख रुपये आवेदकों को देने होते थे।
अब एक आवास के लिए मिलेंगे तीन लाख रुपये
कैबिनेट बैठक में धामी सरकार ने यह निर्णय लिया कि अब प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत आवेदकों के लिए एक आवास की लागत 6.50 लाख रुपये है। धामी सरकार आवेदकों को अब 1 लाख के बजाए 1.5 लाख रुपये देंगी। इसमें केंद्र 1.5 लाख रुपये का सहयोग करेगी। वहीं, विकासकर्ता को वीजीएफ फंड के तहत 50 हजार रुपये धामी सरकार देगी। कुल मिलाकर प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए आवेदकों को एक आवास के लिए 3 लाख रुपये ही देने होंगे।
साथ ही पहले आवेदकों को 30 हजार की स्टांप ड्यूटी देनी पड़ती थी, जिसे 2016-17 में घटाकर 5000 रुपये किया गया था। अब धामी सरकार ने उसे घटाकर 1000 रुपये कर दिया है और रजिस्ट्रेशन फीस भी घटाकर 500 रुपये कर दी गई है। बता दें कि पहले आवेदकों को 12 हजार रुपये रजिस्ट्रेशन फीस देनी पड़ती था। धामी सरकार ने बैंक से लोन लेने में लगने वाले 1700 रुपये की स्टांप ड्यूटी को भी माफ कर दिया है।