प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गढ़वाल जिले में स्थापित केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय रघुनाथ कीर्ति परिसर देवप्रयाग का वर्चुअली उद्घाटन किया। लगभग 126 करोड़ रुपए की लागत से देवप्रयाग में रघुनाथ कीर्ति परिसर की स्थापना की गई है। इस विश्वविद्यालय में देशभर से छात्र भारतीय संस्कृति, वेद, पुराण और धर्म की शिक्षा लेने आते हैं। उत्तराखंड पारंपरिक विद्याओं के लिए देश विदेश में जाना जाता है। इस कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में योग गुरु रामदेव भी मौजूद रहे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियों कांफ्रेसिंग के जरिए जुड़े थे। मौका था गढ़वाल जिले में तैयार केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय रघुनाथ कीर्ति परिसर देवप्रयाग के उद्घाटन का, संस्कृति शास्त्र और सनातन के स्वर्णिम हस्ताक्षर को 126 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया गया है। जिसमें देश और दुनिया के हर कोने धर्म संस्कृति और वेद पुरा की शिक्षा लेने के लिए छात्र आते हैं।
भारतीय पारंपरिक शिक्षा, वेद व्याकरण ज्योतिष और योग अध्यात्म के क्षेत्र में उत्तराखंड ने पूरी दुनिया में परचम लहराया है। साल 1908 में देवप्रयाग नृसिंहाचल में महाविद्यालय की स्थापना हुई थी। इसके ठीक 108 साल बाद वर्ष 2016 में भारत सरकार ने रघुनाथ कीर्ति महाविद्यालय परिसर में केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के अभिन्न परिसर स्थापना की, आज के दौर में सबसे ज्यादा छात्र इस परिसर में रहकर धर्म और सांस्कृतिक धरोहर की शिक्षा ले रहे हैं।
आज के दौर में संस्कृतिक को भले ही एक विशेष दायरे में समेट दिया गया हो लेकिन अब देश में एक बार फिर से धर्म अध्यात्म और संस्कृति पर जोर दिया जा रहा है। साथ ये दुनिया में ये संदेश जा रहा है। संदेश ये है कि संस्कृत पढ़कर भी लोग ज्ञान विज्ञान योग अध्यात्म हर विधा में परांगत पा सकते हैं।
कार्यक्रम के दोरान योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा कि धर्म शास्त्र वेद व्यकरण, योग पुराण का ज्ञान पाने के लिए पवित्रता, सहजता और निर्विकार होने की आवश्यकता है। इसलिए भौतिक संसाधनों को छोड़ कर शिक्षा पाने का हर संसाधन इस परिसर में मौजूद है। इस परिसर से निकले उर्जावान छात्र आने वाले भविष्य में विकसित भारत के निर्माण में भागीदार बनेंगे।
उत्तराखंड की धरती से सैकड़ों की संख्या में धार्मिक विभूतियां निकलती रही हैं। पहाड़ों की खामोशी में सदियों धार्मिक अनुसंधान होते रहे हैं। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री मोदी की तरफ से देवप्रयाग में उद्घाटन की संस्कृत यूनिवर्सिटी भी मजबूत स्तंभ मानी रही है।