रुड़की के तहसील परिसर स्थित जॉइंट मजिस्ट्रेट कार्यालय के बाहर सोमवार को मांगों को लेकर राज्य आंदोलनकारियों ने एक दिवसीय धरना दिया। भू-कानून, उत्तराखंड में धारा 371 लागू करने समेत अन्य कई मांगों को लेकर उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी संघर्ष समिति ने तहसील में धरना दिया।
उन्होंने ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के माध्यम से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और प्रधानमंत्री मोदी के नाम ज्ञापन भी भेजा। इस दौरान समिति के केंद्रीय अध्यक्ष हर्ष प्रकाश काला ने कहा कि लंबे समय से आंदोलनकारियों की मांगें चली आ रही हैं। लेकिन, सरकार उस ओर ध्यान नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि सत्ता में बैठी सरकार को यह ध्यान रखना चाहिए कि अगर हम एकजुट होकर उन्हें सत्ता में ला सकते हैं तो उन्हें सत्ता से उतार भी सकते हैं। समिति के केंद्रीय अध्यक्ष ने बताया कि पांच सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री धामी और प्रधानमंत्री मोदी को ज्ञापन भेजा गया है।
वहीं, मूल निवास भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति की ओर श्रीनगर में मूल निवास स्वाभिमान महारैली आयोजित की गई। इसमें पौड़ी सहित देहरादून, रुद्रप्रयाग, चमोली सहित अन्य जनपदों से जुटे स्थानीय लोगों ने भी अपना पूरा सहयोग दिया। संघर्ष समिति के पदाधिकारी ने बताया कि उत्तराखंड में मूल निवास और भू कानून का होना इसलिए भी जरूरी है कि बाहरी लोग जो आर्थिक रूप से सक्षम हैं, वह उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में जमीन खरीद कर आसपास की जमीनों पर भी कब्जा करने के साथ यहां के मूल निवासियों की नौकरी पर कब्जा कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि लगातार उत्तराखंड का व्यक्ति मेहनत करने के बावजूद भी उसे रोजगार के साधन उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। क्योंकि, बाहर के रहने वाले जो लोग हैं, वह स्थायी निवास के बलबूते पर नौकरी पा रहे हैं, जिससे यहां का युवा स्वयं को ठगा हुआ महसूस कर रहा है। आह्वान किया है कि अब सभी उत्तराखंडवासियों को जगाने की जरूरत है। उत्तराखंड के विभिन्न जिलों में पहले भी मूल निवास भू-कानून को लेकर रैली हुई थी। इसमें सभी लोगों का भरपूर रूप से सहयोग मिल रहा है। श्रीनगर में भी लोगों ने अपना काफी सहयोग दिया है और सरकार को लगातार ध्यान देने के लिए दबाव बनाने का प्रयास किया जा रहा है।