पौड़ी के श्रीनगर गढ़वाल में तहसील प्रशासन की लापरवाही के कारण दस्तावेजों में मृत शख्स अब खुद को जिंदा साबित करने में लगा हुआ है। मामला पौड़ी जिले के श्रीनगर गढ़वाल का है। शख्स बीते कई महीनों से खुद के जीवित होने का प्रमाण तहसील प्रशासन को देने के लिए चक्कर काट रहा है। वहीं, तहसीलदार का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है।
बता दें कि गोविंद सिंह नाम का एक शख्स बीते आठ महीनों से खुद के जीवित होने का प्रमाण तहसील प्रशासन को देने के लिए तहसील के चक्कर काट रहा है। दरअसल, तहसील प्रशासन ने गोविंद सिंह के जीवित रहते हुए उसकी खाता खतौनी से उसका नाम हटा दिया। ऐसे में गोविंद सिंह लंबे समय से तहसील के चक्कर काटकर खुद को जिंदा साबित करने का प्रयास कर रहा है, ताकि उसके दस्तावेजों में सुधार हो सके।
गोविंद सिंह दिल्ली में सरकारी नौकरी में कार्यरत थे। रिटार्यड होने के बाद वह अपने पैतृक घर श्रीनगर गढ़वाल नकोट गांव में रह रहे हैं। उन्होंने अपनी खाता खतौनी निकाली तो चौंक गए। जीवित रहते उनका नाम खाता खतौनी से हटा मिला। इसके बाद से गोविंद तहसील प्रशासन के चक्कर काट रहे हैं। पूरे मामले पर श्रीनगर तहसील के तहसीलदार धीरज राणा का कहना है कि उनके संज्ञान में यह प्रकरण आया है। इसमें व्यक्ति जीवित है। लेकिन, उसका खतौनी से नाम हट चुका है। तहसीलदार ने कहा कि गोविंद सिंह को मृत घोषित किया गया था, जिस कारण उनका नाम खतौनी से हट चुका है। मामले की जांच की जा रही है कि आखिर इस तरह की गलती कैसे हुई।