शहर में अब सब कुछ काबू में है। गलियों में शांति है। इसी को देखते हुए हिंसा के 11 दिन बाद हल्द्वानी के बनभूलपुरा से कर्फ्यू पूरी तरह हटा दिया गया है। लोग अब बिना डरे सड़कों पर निकल रहे हैं। रोजमर्रा के काम कर रहे हैं।
सबसे ज्यादा हिंसा वाले बनभूलपुरा समेत हल्द्वानी के सभी इलाकों से अब कर्फ्यू पूरी तरह हटा लिया गया। लोग पहले ही तरह काम पर लौट रहे हैं। सड़कों और बाजारों में भी सन्नाटा दूर हो चुका है। हर तरफ जिंदगी की रौनक पहले जैसे दिख रही है। लेकिन पुलिस अब भी पूरी तरह चौकन्नी है और हर इलाका पुलिस की कड़ी निगरानी में है। हर गतिविधि पर पैनी नजर है। सोशल मीडिया पर भी पुलिस का पहरा है। SSP प्रहलाद नारायण मीणा ने किसी भी तरह की अफवाह या झूठी खबरें फैलाने वालों को कड़ी चेतावनी दी है।
लेकिन देवभूमि की फिज़ा में हिंसा का ज़हर घोलने वाला अब भी कानून के शिकंजे से भागा-भागा फिर रहा है। हल्द्वानी को हिंसा की आग में झोंकने वाला खुद को बचाने के लिए अंडर ग्राउंड हो गया है। हल्द्वानी हिंसा का मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक और उसका बेटा अभी भी फरार है, जिसकी तलाश में पुलिस 5 राज्यों की खाक छान रही है। हिंसा के गुनहगार की संपत्ति कुर्क कर ली गई है। अब्दुल मलिक के महल को खंडहर बना दिया गया है।
फरवरी को हल्द्वानी के बनभूलपुर में हुए उपद्रव के बाद से अब्दुल मलिक और उसका बेटा मोईद पुलिस से भागता और छिपता फिर रहा है। हिंसा के इस मास्टमाइंड के खिलाफ पुलिस और प्रशासन का डबल एक्शन जारी है। प्रशासन ने अब्दुल मलिक की 24 कमरों वाली आलिशान कोठी को खाली करा दिया। घर का सारा सामान जब्त कर लिया। उधर उत्तराखंड पुलिस भी इस मोस्ट वांटेड की सरगर्मी से तलाश कर रही है। पुलिस की 11 टीमें अलग-अलग ठिकानों पर अब्दुल मलिक को तलाश रही हैं। पुलिस ने अबतक 280 ठिकानों पर दबिश की है, लेकिन अब्दुल मलिक और उसके बेटे का कोई सुराग नहीं मिला। तो वहीं अब्दुल मलिक और उसके बेटे की पत्नियां भी फरार हैं।
हिंसा के बाद से फरार अब्दुल मलिक और उसके बेटे का फोन बंद है। जिसकी वजह से उनकी लोकेशन का पता नहीं लग पा रहा है। पुलिस मुखबिर की सूचनाओं के आधार पर ही छापेमारी कर रही है। हिंसा के 10 से ज्यादा दिन बीच जाने के बाद भी हिंसा का मास्टरमाइंड पुलिस की गिरफ्त से दूर है। ऐसे में अब अब्दुल मलिक और उसके बेटे को शिकंजे में लेने के लिए पुलिस ने नया एक्शन प्लान तैयार किया है। अब पुलिस अब्दुल मलिक की तलाश उत्तराखंड के अलावा कई अन्य राज्यों में कर रही है। दिल्ली, हरियाणा, मुंबई और पंजाब समेत उन तमाम राज्यों में पुलिस की तलाश जारी है, जहां अब्दुल मलिक के छिपे होने की ज्यादा संभावना है।
अब्दुल मलिक को पकड़ने के लिए स्थानीय पुलिस के अलावा सुरक्षा एजेंसियों का भी सहारा लिया जा रहा है। इस संबंध में उत्तराखंड पुलिस ने सर्कुलर जारी कर दिया है। तो वहीं अब्दुल मलिक और उसके बेटे के खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी हो चुका है। पुलिस को अब्दुल मलिक से जुड़े जो भी इनपुट मिल रहे हैं उनके आधार पर पुलिस छापेमारी कर रही है। इन दोनों गुनहगारों का पता लगाने के लिए कई लोगों से पूछताछ की जा रही है।
हल्द्वानी को झुलसाने वालों के खिलाफ पुलिस का मेगा एक्शन लगातार देखने को मिल रहा है। पुलिस ने मामले में अबतक 68 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया है। ये वो आरोपी हैं जिन्होंने पुलिस पर पथरवा किया, पेट्रोल बम बनाया, गाड़ियां जलाई, पत्थरबाजी की और तोड़फोड़ की। उपद्रवियों के पास से हथियार, मैगजीन और पेट्रोल बम भी बरामद किए गए हैं। हल्द्वानी हिंसा के मामले में पुलिस ने 9 आरोपियों को वांटेड करार दिया था, जिनमे से 5 वांटेड आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। 3 FIR में 16 नामजद आरोपियों में से 12 को गिरफ्त में ले लिया गया है। 4 की तलाश जारी है।
तो वहीं कमिश्नर दीपक रावत ने कहा है कि पुलिस अपना काम कर रही है। लगातार आरोपियों की धरपकड़ हो रही है। हिंसा से जुड़े कई खुलासे पुलिस कर चुकी है। इस बीच हल्द्वानी में भड़की हिंसा की मजिस्ट्रेट जांच भी जारी है। कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने तमाम अफसरों से साक्ष्य देने के लिए कहा है। इन सबूतों के आधार पर ही मामले की जांच कर रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।
सीएम धामी ने वचन दिया था कि हिंसा भड़काने वाले किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा। देवभूमि की फिज़ा बिगाड़ने वालों का पूरा हिसाब होगा। सीएम के आदेश पर पुलिस मेगा एक्शन ले रही है। उपद्रवियों को चुन-चुनकर सलाखों के पीछे पहुंचाया जा रहा है। हिंसा की साजिश में रोज नए खुलासे हो रहे हैं। बस इंतजार है हल्द्वानी हिंसा के असल गुनहगार अब्दुल मलिक और उसके बेटे मोईद गिरफ्तार होने का, जिसके बाद अमन पसंद हल्द्वानी में पत्थरबाजी वाली पूरी साजिश का पर्दाफाश हो जाएगा।