भगवान शिव की नगरी हरिद्वार में कांवड़ मेले का आगाज हो गया है। दूर-दूर से शिव भक्त गंगा जल लेने के लिए हरिद्वार पहुंच रहे हैं। ये सिलसिला अब 8 मार्च यानी महाशिवरात्रि तक ऐसे ही चलता रहेगा। लाखों भक्त भगवान शिव के जलाभिषेक के लिए मां गंगा का जल लेने हरिद्वार आ रहे हैं, भक्तों की जुबान पर बम-बम भोले की जयकार है। ये शिव भक्त सैकड़ों किलोमीटर की पैदल यात्रा कर अपने आराध्य महादेव के धाम हरिद्वार आए हैं।
हरिद्वार में एक से बढ़कर एक सुंदर कांवड़ देखने को मिल रही है। बांस से बनी इन कावड़ों को कावड़िए पहले अच्छी तरह से सजाते हैं। कांवड़ पर फूलों की मालाएं लगाई जाती हैं। भगवान शिव, पार्वती की तस्वीर और डमरू लगाए जाते हैं जिसके बाद ये भव्य कांवड़ बनकर तैयार होता है। अपनी पसंद का कांवड़ बनवाने के बाद कांवड़िए हर की पैड़ी से जल भरकर कांवड़ के साथ अपने घर की तरफ रवाना हो जाते हैं।
हरिद्वार में शारदीय कांवड़ यात्रियों की संख्या बढ़ने पर पुलिस ने भी कमान संभाल ली है। हरिद्वार के SSP प्रमेन्द्र सिंह डोबाल ने कांवड़ मेला और महाशिवरात्रि के लिए 1 मार्च से 8 मार्च तक यातायात प्लान जारी किया है।
कैसी रहेगी ट्रैफिक व्यवस्था?
शारदीय कांवड़ यात्रा के दौरान हरिद्वार में यातायात प्लान के अनुसार दिल्ली, मेरठ, मुजफ्फरनगर से स्नान के लिए आने वाले वाहन नारसन, मंगलौर से कोर कॉलेज, शंकराचार्य चौक होते हुए अलकनन्दा, दीनदयाल, पंतद्वीप और चमकादड़ टापू पार्किंग में खड़े किए जाएंगे।
दबाव बढ़ने पर इन वाहनों को सिंहद्वार से देशरक्षक तिराहा की तरफ डायवर्ट कर बैरागी कैंप पार्किंग में भेजा जाएगा। वहीं पंजाब और हरियाणा से आने वाले श्रद्धालुओं के वाहनों को चमकादड़ टापू पार्किंग में खड़ा कराया जाएंगा। नजीबाबाद की ओर से आने वाले छोटे वाहनों को अलकनन्दा, दीनदयाल, पंतद्वीप और चमकादड़ टापू पर पार्क करने की व्यवस्था की गई है। तो वहीं बड़े वाहनों को 4.2 से डायवर्ट कर गौरीशंकर-नीलधारा पार्किंग भेजा जाएगा।