हल्द्वानी हिंसा की आड़ में पुलिसवाले ने एक ऐसी वारदात को अंजाम दिया जिसके खुलासे के बाद अब पुलिस ही अपना सिर पीट रही है। दरअसल दंगे को बहाना बनाकर एक पुलिसवाले ने दोस्तों के साथ मिलकर पत्नी के आशिक को ठिकाने लगा दिया और उसकी बॉडी को दंगाग्रस्त बनभूलपुर इलाके में फेंक आया।
दरअसल बिहार का ये वही युवक था जिसे लेकर कहा जा रहा था कि नौकरी के लिए हल्द्वानी आया था और दंगे में मारा गया। पुलिस ने उसके शव का पोस्टमार्टम कराया तो पता चला कि युवक को तीन गोलिया लगी हैं। शुरूआत में ये कारस्तानी दंगाईयों की लगी, लेकिन जब गहन जांच हुई तो चौंकाने वाली जानकारियां सामने आने लगीं।
बता दें कि 8 फरवरी को हल्द्वानी में हुए उपद्रव के बाद बनभूलपुर के हिंसा प्रभावित क्षेत्र में एक युवक का लहूलुहान शव मिला था, जिसकी पहचान बिहार के रहने वाले प्रकाश सिंह के रूप में हुई थी। पहले यही माना जा रहा था कि प्रकाश की मौत हिंसा के दौरान हुई। लेकिन जब आगे की जांच हुई तो खुलासा हुआ कि प्रकाश की मौत हिंसा के दौरान नहीं हुई थी, बल्कि सोची समझी साजिश के तहत उसकी हत्या की गई थी। इस वारदात को किसी और ने नहीं बल्कि उत्तराखंड पुलिस के कांस्टेबल बीरेंद्र सिंह और उसके 4 साथियों ने ही अंजाम दिया। आरोपियों ने बड़ी ही चालाकी से प्रकाश सिंह को मौत के घाट उतारा और फिर शव को ठिकाने लगाने के लिए हिंसा प्रभावित क्षेत्र में लाकर फेंक दिया ताकि किसी को उनपर शक ना हो, और इस हत्याकांड के राज को दंगों की कब्र में दफन किया जा सके।
नैनीताल के SSP प्रहलाद नारायण ने बताया कि प्रकाश सिंह का आरोपी कांस्टेबल बीरेंद्र सिंह की पत्नी प्रियंका से अवैध संबंध था। आरोप है कि प्रकाश सिंह कांस्टेबल की पत्नी की वीडियो बनाकर उन्हें पैसों के लिए ब्लैकमेल कर रहा था। प्रकाश की इन्हीं धमकियों से तंग आकर कांस्टेबल और उसकी पत्नी ने प्रकाश को मौत के घाट उतारने का फैसला कर लिया, बस इंतजार था उस माकूल मौके का, जब प्रकाश रास्ते से भी हट जाए और गुनाहों के दाग भी खुद के दामन पर न आए। हल्द्वानी के बनभूलपुरा में 8 फरवरी को हुए दंगे ने कांस्टेबल और उसकी पत्नी को इस वारदात को अंजाम देने का सही मौका दे दिया। पुलिस के मुताबिक कांस्टेबल और उसकी पत्नी ने प्रकाश सिंह को फोन कर गौलापार में अपने पास बुलाया और फिर उसे गोलियों से छलनी कर दिया गया।
पुलिस के मुताबिक, प्रकाश सिंह को अवैध हथियार से सिर में तीन गोली मारी गई। प्रकाश की मौत के बाद शव को ठिकाने लगाने के लिए हिंसा प्रभावित क्षेत्र बनभूलपुर में लाकर फेंक दिया गया। ताकी किसी को भी उनपर शक ना हो सके। इस पूरी वारदात में आरोपी कांस्टेबल उसकी पत्नी, साला और 2 अन्य साथी शामिल थे। पुलिस ने कांस्टेबल समेत 4 आरोपियों को तो गिरफ्तार कर लिया है लेकिन कांस्टेबल की पत्नी अभी भी फरार है। वारदात में इस्तेमाल अवैध असलाह भी जब्त कर लिया गया है।
संगीन साजिश के लाल दाग को छुपाने की तमाम कोशिशें की गई। मौके की नज़ाकत भांपते हुए इन शातिर लोगों ने हत्या की वारदात को हिंसा की शक्ल देकर अपने गुनाहों पर पर्दा डालने का भरसक प्रयास किया,लेकिन उनका ये गुनाह ज्यादा दिनों तक छिपा नहीं रह सका। पुलिस की गिरफ्त में नज़र आ रहे ये वही आरोपी हैं जिन्होंने प्रकाश सिंह को मौत की नींद सुला दिया। लेकिन कहते हैं ना कानून के हाथ बड़े लंबे होते हैं, जब ये आरोपी शिकंजे में आए तो अपने गुहानों के सारे राज उगल दिए। पुलिस ने सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश किया, जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचा दिया।