हल्द्वानी हिंसा के जख्म इतने गहरे है कि किसी के दिलो दिमाग से आसानी से नहीं निकल पा रहे हैं। 8 फरबरी की रात हिंसा का वो मंजर याद कर सबका कलेजा कांप जाता है। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल हिंसा के बाद के हालात जानने हल्द्वानी आई थीं इसी दौरान वो हिंसा में घायल महिला पुलिसकर्मियों से भी मिलीं और महिला पुलिसकर्मी आपबीती सुनाते सुनाते रोने लगीं।
महिला पुलिस कर्मियों की आंखों से आंसू नहीं रुक रहे थे। इस दौरान नैनीताल के एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा भी मौजूद थे। जो राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल के बगल में बैठे थे। महिला पुलिस कर्मियों का दर्द और आपबीती सुनकर वो भी भावुक हो गए।
हिंसा और खौफ से भरे पलों की दास्तान सुनकर महिला आयोग की अध्यक्ष ने घायल महिला पुलिसकर्मियों का ना सिर्फ हौसला बढ़ाया। उनकी बहादुरी की तारीफ भी की। ये भरोसा भी दिया कि हल्द्वानी को हिंसा में झोंकने वालों को उनके किए की सजा जरूर मिलेगी।
हल्द्वानी की बनभूलपुरा हिंसा को 20 दिन बीत चुके हैं। हिंसा के बाद 11 दिन तक कर्फ्यू रहा। अब हल्द्वानी में हालात पूरी तरह सामान्य हैं। जिंदगी पटरी पर है। हिंसा करने वालों पर चुन-चुनकर कड़ी कार्रवाई हो रही है। हिंसा का मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक भी शिकंजे में आ चुका है। सरकार भरोसा दिला रही है कि हल्द्वानी में जो हुआ वो आगे फिर कभी नहीं होगा। लेकिन ये भी सच है कि हल्द्वानी हिंसा के जख्मों को भरने में लंबा वक्त लगेगा।