भारतीय किसान यूनियन ने कल यानी गुरुवार को किसानों की मांगो को लेकर रुड़की में मजिस्ट्रेट कार्यालय के बाहर धरना दिया। इसी दौरान किसानों ने अफसरों को बंधक बनाने की धमकी दी।
किसान यूनियन राष्ट्रीय अध्यक्ष पदम सिंह रोड के नेतृत्व में बड़ी संख्या में किसान रुड़की के मजिस्ट्रेट कार्यालय पर पहुंचे, जहां किसानों की पंचायत हुई। पंचायत में बोलते हुए पदम सिंह रोड ने कहा, किसानों को लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है। किसानों की बात अफसर सुनते नहीं हैं। डीएम द्वारा जांच भी हुई, लेकिन फिर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। बिजली विभाग ने कई किसानों के घरों के कनेक्शन काट दिए हैं। किसानों को लगातार सरकार द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है। चोरी के झूठे मुकदमे लिखे जा रहे हैं। किसानों की समस्या सुनने वाला कोई नहीं हैं। इसलिए अब किसान आंदोलन के रास्तों का रुख करेगा। किसी भी हाल में अब उत्पीड़न को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
किसानों के संख्या को देखते हुए खानपुर के विधायक उमेश कुमार मौके पर पहुंचे। साथ ही उमेश कुमार ने यह एलान किया कि वो किसानों की लड़ाई में उनके साथ खड़े हैं।
किसानों द्वारा शुरु किए गए इस धरने में जिला उपाध्यक्ष प्रदीप त्यागी, मनोज पाल, इंद्र सिंह रोड, जावेद अली, अब्दुल मन्नान, रजत रोड, प्रधान लाखन रोड, निहाल गिरी आदि मौजूद रहे।
किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष नाजिम अली ने कहा कि अब समय आ गया जब किसान अपनी शक्ति का इस्तेमाल करे। अफसरों की मनमानी नहीं चलेगी।
ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने किसानों से बातचीत की और किसानों को शांत करवाया। साथ ही 21 फरवरी को मजिस्ट्रेट ने जेएम किसान प्रतिनिधिमंडल एवं उससे संबंधित सभी विभागों के अफसरों की एक बैठक बुलाई है।
अगर मांगे नहीं हुई पूरी तो किसान उठाएगें ये बड़ा कदम
किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पदम सिंह रोड ने कहा कि यदि सरकार ने 21 फरवरी को उनकी समस्याओं को हल करने के लिए अगर कोई फैसला नहीं लिया तो किसान उस दिन बड़ कदम उठाएगी। किसान अब अपने मवेशियों के साथ आएंगे। मवेशियों को मजिस्ट्रेट कार्यालय के बाहर बांधकर धरना दिया जाएगा। मवेशियों के लिए चारे एवं पानी की व्यवस्था भी प्रशासन को ही करना पड़ेगा। किसान अपनी मांगों को मनवाने के बाद ही यहां से जाएगा।
किसानों द्वारा की गई मांगे
विभाग द्वारा किसानों का उत्पीड़न हो रहा है। यह बंद किया जाए। किसानों का चीनी मिलों पर बकाया राशी का जल्द से जल्द भुगतान किया जाए। बिजली विभाग की ओर से किसानों के घरों के कनेक्शन काटे जाने की प्रक्रिया को बंद किया जाए।
एआरटीओ द्वारा किसानों के ट्रैक्टर को बंद करने पर रोक लगे।
सबूत होने के बाद भी घूसखोरी पर कार्रवाई नहीं की गई, उस पर तुरंत कार्रवाई की जाए।
किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली दी जाए।