उत्तराखंड के पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत और उनकी बहू अनुकृति गुसांई को ED ने जिम कार्बेट अभयारण्य की पाखरो रेंज में पेड़ कटाने अवैध निर्माण और जमीन धोखाधड़ी के मामले में समन भेजा है। ED ने पूर्व कैबिनेट मंत्री को पूछताछ के लिए 29 फरवरी को ED के कार्यालय बुलाया है।
सूत्रों के मुताबिक, 14 फरवरी को हुए ED के छापेमारी के दौरान ED द्वारा बरामद दस्तावेज, नकदी व गहनों के संबंध में हरक सिंह रावत और उन्की बहू अनुकृति गुसांई से पुछताछ कर सकती है। बता दें कि इससे पहले ED ने पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत और उनके रिश्तेदारों समेत वन अधिकारियों के यहां छापेमारी की थी। ED ने उत्तराखंड समेत दिल्ली और हरियाणा में 17 जगह छापेमारी की थी, जीसमें ED ने 1.10 करोड़ रुपये की नकदी, करीब 80 लाख रुपये का 1.30 किलोग्राम सोना व 10 लाख रुपये की विदेशी मुद्रा सीज की थी।
किन-किन के घर पर हुई थी छापेमारी
ED ने मुख्य वन संरक्षक सुशांत पटनायक, सेवानिवृत्त डीएफओ किशन चंद के साथ ही हरक के पूर्व निजी सचिव एवं उत्तराखंड सचिवालय संघ के पूर्व महामंत्री बिरेंद्र कंडारी, भाजपा के ऊधम सिंह नगर के जिला मंत्री अमित सिंह, रुद्रप्रयाग की पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष लक्ष्मी राणा व प्रापर्टी डीलर नरेंद्र वालिया के ठिकानों पर छापेमारी की थी।
जमीन धोखाधड़ी के मामले में भी है जीक्र
ED ने बिरेंद्र सिंह कंडारी व अन्य पर जमीन की खरीद-फरोख्त के मामलों में दर्ज FIR को जांच का आधार बनाया है। जमीन की खरीद-फरोख्त की इस धोकाधड़ी में पूर्व वन मंत्री का नाम कई बार दर्ज होने के साथ-साथ कार्बेट टाइगर रिजर्व की पाखरो रेंज में पेड़ों के अवैध कटान व अवैध निर्माण मामले में भी पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह का नाम दर्ज किया गया है। कार्बेट टाइगर रिजर्व की पाखरो रेंज में पेड़ों के अवैध कटान व अवैध निर्माण मामले में हरक सिंह के साथ-साथ सेवानिवृत्त डीएफओ किशन चंद, तत्कालीन रेंजर बृज बिहारी और अन्य के नाम भी इस मामले में दर्ज किए गए हैं।
ED द्वारा जांच में यह पता चला था कि पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत ने नरेंद्र वालिया के साथ मिलकर दो पावर आफ अटार्नी तैयार कीये थे। ED द्वारा इस जांच में जमीन को अवैध तरीके से हरक सिंह रावत की पत्नी दीप्ति रावत और लक्ष्मी सिंह को बेचते पाया गया। बतो दें कि इसी जमीन पर श्रीमती पूर्णा देवी ट्रस्ट के अंतर्गत दून इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस का निर्माण किया गया है।
जिसे कोर्ट ने निरस्त कर दिया था। इस जमीन को अवैध तरीके से हरक सिंह रावत की पत्नी दीप्ति रावत और लक्ष्मी सिंह को बेचना दिखाया गया। इसी जमीन पर श्रीमती पूर्णा देवी ट्रस्ट के अंतर्गत दून इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस का निर्माण किया गया है।