Uttarakhand Forest Fire: उत्तराखंड में इन दिनों जंगल में आग लगी हुई है। सीएम धामी और उत्तराखंड प्रशासन लगातार इस आग पर काबू पाने की कोशिश कर रहा है। प्रदेश के कई जिलों में वनाग्नि के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जिस कारण कीमती वन सम्पदा और वन्य जीवों को नुकसान पहुंच रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी प्रदेश में बढ़ रही वनाग्नि के मामलों की मॉनिटरिंग स्वयं कर रहे हैं व उनके द्वारा सभी वनाग्नि से संबंधित विभागों को स्थानीय लोगों के सहयोग कर वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के हर संभव प्रयास करने के निर्देश दिए गए हैं।
सीएम के निर्देशानुसार डीएफओ मसूरी और उप जिलाधिकारी मसूरी के नेतृत्व में वनाग्नि रोकथाम को लेकर मसूरी वन प्रभाग के कार्यालय में बैठक का आयोजन कर कार्य योजना तैयार की गई। इस बैठक में तय किया गया कि वन पंचायत जिसमें आग नहीं लगती है या वन समिति द्वारा वनाग्नि के रोकथाम के लिए बेहतर प्रयास किए जाते हैं तो उसको वन विभाग द्वारा पुरस्कृत कर सम्मानित किया जाएगा।
डीएफओ मसूरी अमित कुंवर ने कहा कि मसूरी वन विभाग द्वारा वनों में लगने वाली आग के रोकथाम को लेकर पहले ही कार्य योजना तैयार की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि पंचायत स्तर पर विभाग और स्थानीय लोगों को जोड़ कर टीम बनाई गई है, जिससे वनाग्नि के समय सभी लोग आपस में सामंजस्य बनाकर वनाग्नि की रोकथाम के साथ उससे होने वाले नुकसान को कम करने का प्रयास कर सकें। उन्होंने कहा कि वनाग्नि को लेकर विभागीय टीम के साथ ही ग्रामीणों को समय-समय पर जागरूक किया गया है और उन्हें आग बुझाने के उपकरण भी उपलब्ध कराए गए हैं ।
एसडीएम मसूरी डॉ. दीपक सैनी ने कहा कि वनाग्नि की रोकथाम को लेकर सरकार द्वारा अलर्ट जारी कर दिया गया है। उन्होंने सभी संबंधित विभागों को आपस में सामंजस्य बनाकर वनाग्नि की रोकथाम के लिए कार्य करने के निर्देश दिए हैं। जिसको लेकर मसूरी में वनाग्नि से संबंधित सभी विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की गई और सभी के सुझाव लिए गए। उन्होंने कहा कि जल्द वनाग्नि के रोकथाम के लिए मसूरी शहर और आसपास के क्षेत्र में मॉक ड्रिल का भी आयोजन किया जाएगा, जिससे विभागों के द्वारा वनाग्नि के रोकथाम के लिए बनाई गई योजना की धरातल पर समीक्षा की जा सके व लोगों को भी वनाग्नि के रोकथाम और उससे होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक किया जा सके। बैठक में अग्निशमन और मसूरी पुलिस विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।