चार धाम की यात्रा मई में शुरू होने वाली है। कहीं किसी तरह की कोर कसर बाकी ना रह जाए। श्रद्धालुओं को किसी तरह की तकलीफ ना हो इसलिए आवाजाही, ठहरने की व्यवस्था से लेकर सुरक्षा तक सब अभी से तय हो जाए इसके लिए ऋषिकेश में आला अफसरों की बड़ी बैठक हुई। जिसमें चार धाम यात्रा की तैयारी के लिए डेडलाइन भी तय कर दी गई है। डेडलाइन है 16 अप्रैल।
ऋषिकेश में गढ़वाल मंडल के कमिश्नर विनय शंकर पांडे ने सभी अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। इसी बैठक में चार धार यात्रा की तैयारियों के लिए 16 अप्रैल की तारीख फाइनल की गई है।
चार धाम यात्रा की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक में पिछले साल की चारधाम यात्रा की कमियों को सामने रखा गया। ताकि वो कमियां इस बार की चारधाम यात्रा में दूर हो जाएं। समीक्षा बैठक में क्या क्या तय हुआ। अब वो आपको सिलसिलेवार तरीके से बता देते हैं।
गढ़वाल मंडल के कमिश्नर द्वारा दिए गए निर्देश
केदारनाथ और यमुनोत्री जाने वाले खच्चरों के लिए रजिस्ट्रेशन सुनिश्चित हो। जिन खच्चरों का रजिस्ट्रेशन नहीं होगा उन खच्चरों को जाने की अनुमति नहीं होगी।
चोटिल और बीमार खच्चर भी नहीं जाने दिए जाएंगे।
रास्तों में यात्रियों के लिए पीने के साफ पानी के अलावा गर्म पानी की व्यवस्था की जाए।
सुविधाओं वाले हाईटेक टॉयलेट की व्यवस्था श्रद्धालुओं के लिए की जाए।
चारधाम यात्रा वाली सड़कों की बदहाली दूर हो, सड़कें गड्ढा मुक्त बनाए।
बद्रीनाथ और सीता पुल के निकट पार्किंग की व्यवस्था हो।
RTO चेक पोस्ट पर यात्रियों की सुविधा के लिए मेडिकल कैंप लगाया जाए।
हरिद्वार और ऋषिकेश RTO ऑफिस पर रजिस्ट्रेशन के लिए आने वाली गाड़ियों के लिए ग्रीन कार्ड ऑनलाइन बनेंगे।
वाहनों के ड्राइवरों की सुविधा के लिए रुद्रप्रयाग और चमोली बद्रीनाथ में रेस्ट हाउस बनाए गए हैं।
यात्रियों की समस्याओं का फौरन समाधान हो इसके लिए कंट्रोल रूम को पहले से ज्यादा चौकस कर दिया गया है।
चारधाम यात्रा के दौरान आपदा के हालात को लेकर भी बैठक में चर्चा हुई और हर विभाग और अधिकारियों को तैयारी पुख्ता करने को कह दिया है। यही नहीं, चारधाम यात्रा की सुरक्षा को लेकर यात्रा मार्ग पर चार हजार से अधिक पुलिस पीआरडी और होमगार्ड के जवानों को तैनात किया जाएगा। यात्रा के प्रवेश द्वार ऋषिकेश के बॉटल नेक पर भी पुलिसकर्मी बढ़ाए जाएंगे।
पिछले साल यानी 2023 में अक्टूबर महीने तक चार धाम यात्रा के श्रद्धालुओं की संख्या 50 लाख पार कर गई थी। श्रद्धालुओं की संख्या का रिकॉर्ड तो टूटा था। लेकिन यात्रियों को रजिस्ट्रेशन समेत कई तरह की बुनियादी दिक्कतों का भी सामना करना पड़ा था। लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। चारधाम यात्रा की तैयारी कर रहे श्रद्धालुओं की दिक्कतें भी दूर होंगी। सुविधाएं भी पहले से ज्यादा और बेहतर मिलेंगी।