Deepak Martyred in Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर के डोडा में बुधवार को आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में कैप्टन दीपक सिंह शहीद हो गए। उनकी इस शहादत की खबर जैस ही उनके घर पहुंची तो कोहराम मच गया। शाहिद के पिता महेश सिंह ने बातचीत में बताया कि उन्हें अपने बेटे की शहादत पर गर्व है।
उत्तराखंड पुलिस में इंस्पेक्टर के पद से रिटायर हुए महेश बताते हैं कि मिशन पर जाने से पहले कैप्टन दीपक ने अपनी मां से बात की थी और उनको दिलासा देने के लिए उसने झूठ बोला था कि वह अपनी यूनिट में आराम करने जा रहा है। दीपक के पिता बताते हैं कि उनका बेटा ना सिर्फ बहुत हिम्मती था, बल्कि वह घर वालों को टेंशन से दूर रखने के लिए वीडियो कॉल पर अक्सर ऐसा दिखता था कि मानों वह आराम कर रहा है। उन्होंने कहा कि वह अंदर ही अंदर समझ जाते थे कि उनका बेटा हम लोगों को तसल्ली देने के लिए झूठ बोल रहा है।
पिता महेश ने बताया कि दीपक ने भारतीय सैन्य अकादमी से ग्रेजुएशन किया। इसके बाद 2020 में सिग्नल रेजिमेंट में कमीशन पाने के बाद दीपक 2 साल के लिए राष्ट्रीय राइफल्स के साथ प्रतिनियुक्ति पर था। कार्यकाल समाप्त होने के बाद वह शादी करने को भी तैयार हो गए थे।
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कैप्टन दीपक सिंह अपनी दो बहनों में इकलौते भाई थे। दीपक के शहीद होने की खबर आने के पहले घर में जश्न का माहौल था। उनकी बहन ज्योति ने बताया कि उन्होंने अपने प्यारे भाई की कलाई पर राखी बांधने के लिए दीपक के पास राखी और एक चिट्ठी भेजी थी, लेकिन रक्षाबंधन से पहले ही उनका भाई देश के लिए शहीद हो गया।
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