अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर टिहरी के बाल विकास परियोजना कार्यालय परिसर चंबा में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अपनी मांगों के समर्थन में धरने पर बैठी रहीं। कार्यकर्ता धरने पर काफी आक्रोशित दिखाई दीं। उनका कहना है कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस और महाशिवरात्रि पर्व के दिन उन्हें अपने हक के लिए धरने पर बैठना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि बीते 17 दिनों से वह धरने पर बैठी हैं। उन्हें उम्मीद थी कि महाशिवरात्रि पर्व से पहले उनकी मांगों का हल सरकार द्वारा जाएगा और उन्हें कोई अच्छी खबर मिलेगी, जिससे उनका धरना स्थगित हो जाएगा।
बता दें कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, मिनी आंगनवाड़ी कर्मचारी संगठन चंबा का धरना बीते 17 दिनों से बाल विकास परियोजना कार्यालय परिसर चंबा चल रहा है। कार्यकर्ता अपनी तीन सूत्रीय मांगों के निराकरण के लिए धरना प्रदर्शन कर रही हैं। उनकी मांग है कि उन्हें प्रतिदिन 600 रुपये की मजदूरी के हिसाब से न्यूनतम 18000 रुपये मानदेय दिया जाए, सेवानिवृत्त होने पर 2 लाख रुपये देने का प्रावधान रखा जाए और गोल्डन कार्ड जारी किया जाए। धरने पर बैठीं महिलाएं काफी मायूस दिखाई है। उनका कहना है कि महाशिवरात्रि पर्व पर जहां उनको व्रत रखकर धूमधाम से महाशिवरात्रि का पर्व मनाना था। लेकिन, उन्हें धरने पर बैठना पड़ा।