Uttarakhand Land Law: उत्तराखंड में लगातार सशक्त भू कानून की मांग उठती आ रही है। इस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि उनकी सरकार वृहद भू कानून लाने जा रही है। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने प्रदेश में भू कानून को लेकर अपनी राय रखी है।
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने बताया कि उत्तराखंड भू कानून की दिशा में निश्चित रूप से सीएम पुष्कर सिंह धामी कुछ सोच भी रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम शुरू से ही हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर उत्तराखंड में भू कानून लागू करने के पक्षधर रहे हैं। कहा कि उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थिति के अनुसार, यहां का करीब 70 प्रतिशत क्षेत्र वन भू-भाग वाला है। 30 प्रतिशत भू भाग में लोगों की दुकानें और मकान हैं।
डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने बताया कि केवल 30 प्रतिशत भू भाग में लोगों की दुकानें, मकान, शहर और गांव बसे हुए हैं, इसलिए यह बहुत जरूरी हो जाता है कि हम किस तरीके से इसको संरक्षित रख सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस दिशा में मुख्यमंत्री धामी जरूर विचार कर रहे हैं।
उत्तराखंड में सख्त भू कानून जल्द ही लागू हो जाएगा। सीएम पुष्कर सिंह धामी सरकार राज्य स्थापना दिवस यानी कि 9 नवंबर से पहले भू-कानून को लागू करने जा रही है। भू कानून पर सुभाष कुमार समिति की रिपोर्ट के अध्ययन एवं परीक्षण के लिए गठित मंत्रिमंडलीय उपसमिति और मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में गठित समिति अपनी रिपोर्ट सरकार को अक्टूबर तक सौंप सकती है।
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सीएम पुष्कर सिंह धामी प्रदेश में सशक्त भू कानून लागू करने को लेकर पूर्व मुख्य सचिव सुभाष कुमार की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति गठित की थी। समिति ने 5 सितंबर 2022 को अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी। इसमें जिलों में भूमि की बड़े पैमाने पर खरीद और बिक्री पर सवाल उठाए थे। इतना ही नहीं समिति ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि औद्योगिक प्रयोजनों के लिए ली गई भूमि का अन्य उपयोग किया जा रहा है। इसके बाद धामी सरकार कड़े भू-कानून को प्रदेश में लागू करने को लेकर मंथन कर अमलीजामा पहनाने जा रही है।
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