Uttarakhand Igas Bagwal Festival: मसूरी में पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष मनमोहन सिंह मल्ल ने पत्रकारों से वार्ता करते कहा कि इगास पर्व हमारे पहाड़ का मुख्य त्योहार है। यह दीपावली के 11 दिन बाद मनाया जाता है। एक महीने बाद बग्वाल बनाई जाती है। उसी उपलक्ष्य में मसूरी में गढ़वाल सभा द्वारा शहीद स्थल पर 12 नवंबर को शाम 4 बजे ईगास पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाएगा।
पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष मनमोहन सिंह मल्ल ने कहा कि इगास पर्व पर उत्तराखंड के व्यंजन उड़द के पकोड़े, गुलगुले आदि बनाए जाएंगे। साथ ही भेलू भी खेला जाएगा और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ पारंपरिक ढोल, दमाऊ का भी आनंद मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस पर्व को सभी लोग मिलजुलकर व उत्साह के साथ मनाते हैं।
उन्होंने कहा कि गढ़वाल सभा द्वारा लगातार ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिससे नई पीढियों को संस्कृति से रूबरू करा सकें। कहा कि लोगों का उत्तराखंड से पलायन हो रहा है। कई युवा शहरों में पढ़ने गए तो वहीं पर रोजगार में लग गए। युवा पीढ़ी को पता ही नहीं है कि उनके त्योहार क्या हैं? देश को आजादी दिलाने वाले योद्धा कौन हैं? हमारे राष्ट्रीय पर्व क्या हैं? हमारे उत्तराखंड के स्थानीय पर्व कौन-कौन से हैं?
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मनमोहन सिंह मल्ल ने कहा कि गढवालन सभा समय-समय पर पहाड़ के पारंपरिक त्योहार और संस्कृति से युवा पीढ़ियों व प्रवासियों को पौराणिक त्योहार, परंपराओं व सस्कृति से रूबरू कराने का प्रयास करती है। ऐसा इसलिए किया जाता है कि पहाड़ से हो रहे पलायन को रोकने में कुछ हद तक रोक लग सके। साथ ही प्रदेश की संस्कृति को संरक्षित किया जा सके।
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