Uttarakhand Heavy Rain : भारी बारिश के कारण केदार घाटी में रास्ते क्षतिग्रस्त होने से शुक्रवार को 600 से ज्यादा लोगों को हेली सेवाओं से एयरलिफ्ट कर रेस्क्यू किया गया। वहीं, सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच अब तक करीब 1500 से अधिक लोगों को मैनुअल रेस्क्यू किया जा चुका है। जिला प्रशासन के प्रयासों से केदार घाटी में संचार व्यवस्था भी दुरुस्त की जा चुकी है। फंसे हुए तीर्थयात्रियों को उनके परिजनों से सेटेलाइट व सामान्य फोन के माध्यम से बात भी करवाई जा रही है।
जिला पूर्ति अधिकारी केएस कोहली ने बताया कि बीते रोज यानी गुरुवार सुबह से ही यात्रा मुख्य पड़ावों में फंसे श्रद्धालुओं को फूड पैकेट, पेयजल और भोजन की व्यवस्था करवाई गई। केदारनाथ, लिनचोली, भीमबली, सोनप्रयाग, शेरसी, गुप्तकाशी एवं चैमासी सहित अन्य स्थानों पर शुक्रवार शाम तक लगभग 18 हजार फूड पैकेट्स और करीब 35 हजार पानी की बोतलें उपलब्ध करवाई जा चुकी हैं। इसके अलावा जीएमवीएन एवं स्थानीय व्यापारियों के सहयोग से विभिन्न स्थानों पर भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। इसमें बीकेटीसी, स्थानीय जनप्रतिनिधियों, व्यापारियों का भी पूर्ण सहयोग मिल रहा है।
In view of heavy rains in Kedarghati, on the request of Chief Minister Pushkar Singh Dhami, the work of rescuing the pilgrims stranded in the extreme Kedarnath Yatra route in Kedarghati by MI-17 and Chinook helicopters provided by the Central Government and taking the passengers… pic.twitter.com/08l0iZIAUK
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) August 2, 2024
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. विमल सिंह गुसाई ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा राहत एवं उपचार कार्य भी जारी है। अब तक सोनप्रयाग, गौरीकुंड और शेरसी में 286 लोगों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई गई है। इसके अलावा जीएमवीएन एवं स्थानीय व्यापारियों के सहयोग से विभिन्न स्थानों पर भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी प्रमोद कर्नाटक ने बताया कि गुप्तकाशी से 20 छोटी गाड़ियों के माध्यम से 200 लोगों को ऋषिकेश के लिए भेजा गया है। इसके साथ एक वाहन के माध्यम से लगभग 40 लोगों को भेजा गया। गुलाबराय मैदान से भी एक बस से 32 लोगों को हरिद्वार के लिए और 3 छोटे वाहनों के माध्यम से 30 यात्रियों को ऋषिकेश के लिए भेजा गया है।
पहाड़ी मार्ग क्षतिग्रस्त होने से एसडीआरएफ रेस्क्यू के लिए कर रही ड्रोन का उपयोग
सोनप्रयाग गौरीकुंड पहाड़ी मार्ग में अचानक मलवा और बोल्डर गिरने से रेस्क्यू के लिए उपयोग किए जा रहे 2 किमी लंबे वैकल्पिक मार्ग को क्षति पहुंची है। इस विषम परिस्थिति में मौके पर पहुंचे एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिवादन बल) के कमांडेंट मणिकांत मिश्रा ने ड्रोन के माध्यम से आगे की कार्य योजना तैयार की।
एसडीआरएफ की टीमों को सोनप्रयाग-गौरीकुंड मार्ग में यात्रियों को सुरक्षित रेस्क्यू करने के लिए निर्देशित किया गया। ड्रोन की सहायता से कमांडेंट मणिकांत मिश्रा ने टीमों को नई कार्य योजना से अवगत कराया, जिससे रेस्क्यू अभियान को और अधिक प्रभावी तरीके से चलाया जा सके। उन्होंने अगस्त मुनि और रतूड़ा से मौके पर पहुंची 2 बैकअप टीमों को तुरंत सर्च और रेस्क्यू अभियान तेज करने के आदेश दिए। लिचोली और श्री केदारनाथ के हेलीपैड पर तैनात 4 एसडीआरएफ टीमों को यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
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कमांडेंट मणिकांत मिश्रा के अनुसार, एसडीआरएफ की टीमों ने अब तक दो किलोमीटर लंबे पहाड़ी मार्ग से 2300 से अधिक लोगों को रेस्क्यू किया है, जबकि एसडीआरएफ, स्थानीय पुलिस के द्वारा 737 लोगों को हेली से रेस्क्यू किया जा चुका है। शेष यात्रियों को सुरक्षित लिनचोली और श्री केदारनाथ हेलीपैड पर पहुंचाया जा रहा है। इस चुनौतीपूर्ण स्थिति में एसडीआरएफ की टीमें अपने समर्पण और कठिन परिश्रम से रेस्क्यू अभियान को कर रही हैं।
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